मेरठ की फातिमा को कांस्य पदक के साथ मिला पैरालंपिक का टिकट, खेल की दुनिया में ऐसे ली थी एंट्री

Published : Sep 17, 2022, 02:56 PM ISTUpdated : Sep 18, 2022, 04:29 PM IST
मेरठ की फातिमा को कांस्य पदक के साथ मिला पैरालंपिक का टिकट, खेल की दुनिया में ऐसे ली थी एंट्री

सार

मेरठ की रहने वाली फातिमा के एक्सीडेंट के बाद घरवाले भी उनके जिंदा रहने की उम्मीद छोड़ चुके थे। लेकिन फातिमा ने हार नहीं मानी। अपने हौसलों को इस कदर उड़ान दी कि वह ना सिर्फ उठकर फिर से खड़ी हुईं बल्कि पैरालंपिक खेलों की चैंपियन भी बन गईं। 

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की बेटी पूरे देश का नाम रोशन कर रही है। इस दौरान उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी उसने हार नहीं मानी। एक फौलादी दिव्यांग खिलाड़ी ने हार ना मानते हुए अपने सपनों को पूरा किया। भीषण सड़क हादसे का शिकार हुई इस खिलाड़ी को कई महीनों तक कोमा में रहना पड़ा। शरीर में 196 घाव हुए और शायद ही शरीर का कोई ऐसा अंग बचा हो जो टूटने से रह गया हो। लेकिन उनके हौसले और मेहनत ने कभी भी उन्हें कमजोर नहीं होने दिया। यह कहानी है पैरा खेलों की चैंपियन फातिमा की। 

फातिमा को मिला पैरालंपिक का टिकट
एक्सीडेंट के बाद एक नई फातिमा का जन्म हुआ जिसने हालातों से हारना नहीं सीखा और कई सालों के प्रयास के बाद उन्होंने कई इंटरनेशनल और नेशनल मेडल जीते। इसके बाद अब फातिमा ने पैरालंपिक का टिकट हासिल कर लिया है। नार्थ अफ्रीका के मोरक्को में आयोजित ग्रैंड प्रिक्स डिस्कस थ्रो में फातिमा ने कांस्य मेडल जीता है। वहीं छठी अंतर्राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स मीट में फातिमा दो पदक लाने के बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 और एशियन गेम्स में भी अपनी जगह बना ली है। ऐसा करने वाली वह एशिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बन चुकी हैं। फातिमा वर्ष 2016 में भीषण सड़क का शिकार हो गई थीं। लेकिन हिम्मत ना हारते हुए फातिमा सीधा खेल के मैदान में पहुंच गई। 

एक्सीडेंट ने बदल डाली फातिमा की जिंदगी
इस दौरान फातिमा ने डिस्कस और शॉटपुट खेलना शुरु किया। देखते-देखते कुछ महीनों बाद वह स्टेट चैंपियन और फिर नेशनल चैंपियन बन गईं। फातिमा के पिता बिजली विभाग में स्टेनोग्राफर के पद पर हैं। फातिमा पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी करने लगी थी। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। फातिमा ने कभी नहीं सोचा था कि वह खेल की दुनिया में अपना करियर बनाएंगी। लेकिन एक्सीडेंट के बाद उनकी पूरी दुनिया ही बदल गई। एक समय के बाद फातिमा के परिवार वाले भी उनके जिंदा रहने की उम्मीद छोड़ चुके थे। मुश्किल हालातों से लड़ने के बाद आज वह आत्मविश्वास से भरी हैं। बता दें कि वर्ष 2018 में फातिमा ने पैरा स्टेट प्रतियोगिता में एक साथ तीन गोल्ड मेडल जीत कर अपने परिवार और देश का नाम रोशन किया था। 

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

योगी सरकार की आबकारी नीति से एथेनॉल उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, निवेश में आई तेजी
बरेली वालों तैयार रहें! मेट्रो दौड़ने में बस थोड़ा वक्त ओर!