
अलीगढ़ (Uttar Pradesh). नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुए बवाल के बाद पुलिस ने गोरखपुर के सोशल एक्टिविस्ट डॉक्टर कफील खान के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनपर एएमयू में छात्रों को भड़काने, शांति माहौल को खराब करने और धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है।
जिनके कपड़े खून में सने हो वो संविधान को क्या समझेंगे
बता दें, बीते गुरुवार को नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर एएमयू में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान बाबे सैयद गेट पर एक सभा भी आयोजित की गई, जिसमें डॉ कफील शामिल हुए थे। सभा में उन्होंने कहा था, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) संविधान को मानने वाली नहीं बल्कि नफरत की विचारधारा को फैला रही है। आरएसएस के स्कूल में सिखाया जाता है कि जिनकी लंबी दाढ़ी होती है वो आतंकवादी होते हैं। सरकार हमें बता चुकी है कि भारत हमारा देश नहीं है।
हमने भारत की संस्कृति में हमेशा पढ़ा व सुना है कि न हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा। लेकिन कैब लाकर मोटा भाई (अमित शाह) कह रहे हैं कि हिंदू तो हिंदू बनेगा और मुसलमान मुस्लिम ही बनेगा। मैं उनसे कह देना चाहता हूं कि जिनके कपड़े खुद खून से सने हों वो बाबा साहब के संविधान को क्या समझेंगे?
मुस्लिमों पर होंगे अत्याचार
डॉ. कफील ने कहा, सरकार ने कैब के जरिए ये बताया है कि, हम किराएदार हैं। ऐसा ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को भी किराएदार होने का आभास कराया गया है। नागरिक संशोधन कानून से मुसलमान दूसरे दर्जे के नागरिक बन जाएंगे। एनआरसी से मुस्लिम पर अत्याचार होंगे। ये हम सबके वजूद की लड़ाई है। हमें लड़ना होगा। अलीगढ़ को इसमें लीडर बनना होगा।
कौन हैं डॉ कफील खान
डॉ कफील साल 2017 में गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 बच्चों की मौत के बाद चर्चा में आए थे।
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