लगातार हो रही बारिश से यूपी में बाढ़ जैसे हालात, प्रयागराज के स्कूलों में 3 दिन की छुट्टी घोषित

रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा नदी फाफामऊ में जलस्तर 84.75 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 84.58 मीटर पार गया है। दोनों नदियों का डेंजर लेवल 84.734 मीटर है। 2 सेमी प्रति घंटे की स्पीड से नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।

प्रयागराज (Uttar Pradesh). पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से यूपी के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। संगम नगरी में गंगा-यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। जिसके ​कारण शहर के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। इससे करीब पांच लाख की आबादी प्रभावित है। एनडीआरएफ के जवान बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।

प्रयागराज के स्कूलों में 3 दिन की छुट्टी घोषित
रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा नदी फाफामऊ में जलस्तर 84.75 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 84.58 मीटर पार गया है। दोनों नदियों का डेंजर लेवल 84.734 मीटर है। 2 सेमी प्रति घंटे की स्पीड से नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। जिसके चलते शहर के तटवर्ती इलाकों और टापू बने गांवों से लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने बताया, करीब 100 शिविर बनाए गए हैं। अफसरों को बाढ़ चौकियों पर अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में फिलहाल तीन दिनों के लिए स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।

Latest Videos

काशी में भी गंगा का रौद्र रूप
वाराणसी में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर को पार कर 71.03 मीटर पर पहुंच गया है। सैकड़ों मंदिर, जल पुलिस चौकी पूरी तरह डूब चुकी है। आलम ये है कि गंगा का पानी दशाश्मेध और अस्सी घाट से होकर सड़कों पर बह रहा है। वहीं, गंगा के पास बसे करीब 50 से ज्यादा गांव और दो दर्जन से ज्यादा रिहायशी इलाकों में सैकड़ों लोग पलायन कर चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों को दौरा कर वहां के हालात का जायजा लिया। डीएम सुरेन्द्र सिंह ने बताया, बाढ़ से प्रभावित होने वाले कोनिया क्षेत्र का दौरा किया गया। क्षेत्रीय प्रभारी अपर नगर मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए गए हैं कि बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को राहत कैम्पों में सुरक्षित पहुंचाया जाए। कोनिया घाट के पास बने सभी मकान पानी में डूब गए हैं, जहां के लोगों को राहत कैंपों में पहुंचा दिया गया है। एनडीआरएफ की टीम को अलर्ट रहने के निर्देश दिए ग हैं।

बुंदेलखंड में भी बाढ़ जैसे हालात 
बुंदेलखंड इलाके में यमुना, केन और बेतवा नदियों में बाढ़ के कारण बांदा, हमीरपुर और चित्रकूट जिलों के कई गांवों में पानी घुस गया है। हजारों बीघा खेत जलमग्न हो गए हैं। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बांधों से पानी छोड़ने के कारण इन जिलों में यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है। बांदा के डीएम हीरालाल ने बताया कि चार दिन से लगातार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से यहां पैलानी, खप्टिहा कलां और चिल्ला क्षेत्र के तीन दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हैं। तहसीलदारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे खेतों में पानी भरने की वजह से बरबाद हुई फसल का आकलन करें।

उन्होंने बताया केन और यमुना नदी में आई बाढ़ से पैलानी तहसील क्षेत्र के काना खेड़ा, सबादा, महबरा, पिपोदर, चौकीपुरवा, तनगामऊ, हूसी पुरवा, गाजीपुर, बड़ा गांव, गडोला समेत दो दर्जन गांवों के संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, हमीरपुर के डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि मंगलवार की शाम यमुना नदी खतरे का निशान पार कर दो मीटर और बेतवा आधा मीटर ऊपर बह रही है। प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है। चित्रकूट के डीएम शेषमणि पांडेय ने बताया कि पयस्वनी नदी में आई बाढ़ से डेढ़ दर्जन गांव बुरी तरह प्रभावित हैं।

Share this article
click me!

Latest Videos

नाइजीरिया में मोदी-मोदी, राष्ट्रपति टिनूबू ने किया वेलकम और झूम उठे लोग । PM Modi Nigeria Visit
Yogi Adityanath: 'लगता है कांग्रेस के अंदर अंग्रेजों का DNA आ गया है' #Shorts
AAP की चोट पर लग गया मरहम! गहलोत के जाने के बाद केजरीवाल ने BJP को दे दिया झटका । Anil Jha
समाजवादी पार्टी का एक ही सिद्धांत है...सबका साथ और सैफई परिवार का विकास #Shorts
Akhilesh Yadav: 'अब हिले हुए दिखाई दे रहे हैं हमारे डरे हुए मुख्यमंत्री' #Shorts