नई सरकार के गठन की तैयारी के बीच हारे विधायकों से वापस लिए जाएंगे सरकारी आवास, स्‍वामी प्रसाद से हुई शुरुआत

उत्तर प्रदेश में नई सरकार की गठन की तैयारियों को लेकर शुरूआत हो चुकी है। इस बीच लखनऊ में हारे हुए विधायकों से आवास खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शुरुआत स्‍वामी प्रसाद मौर्य के बंगले से हो गई है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 12, 2022 8:52 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhansabha Chunav) के नतीजे 10 मार्च को आ गए है जिसमें भारतीय जनता पार्टी को प्रंचड बहुमत के साथ जीत हासिल की है। तो वहीं दूसरी ओर बहुजन समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने भी जनादेश को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में नई सरकार की गठन की तैयारियों को लेकर शुरूआत हो चुकी है। इस बीच लखनऊ में हारे हुए विधायकों से आवास खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शुरुआत स्‍वामी प्रसाद मौर्य के बंगले से हो गई है। शुक्रवार की रात से स्‍वामी प्रसाद मौर्य का बंगला खाली हो रहा है।
नए जीते विधायकों को आवास आवंटन को लेकर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

स्वामी प्रसाद मौर्य रहेंगे अब अपनी निजी आवास में
गौरतलब है कि स्‍वामी प्रसाद बतौर मंत्री लखनऊ में कालीदास मार्ग स्थित मंत्रियों के सरकारी आवास में रहते थे। इसी मार्ग पर मुख्‍यमंत्री आवास कालीदास मार्ग भी है। स्‍वामी प्रसाद मौर्य लंबे समय तक मंत्री रहे हैं। जाहिर है सरकारी बंगले में उन्‍होंने कई साल गुजारे हैं लेकिन इस बार चुनावों में पराजय का मुंह देखने के बाद उन्‍हें सरकारी बंगला खाली करना पड़ रहा है। चुनाव हारने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य अब गोमती नगर स्थित अपने निजी आवास में शिफ्ट हो गए हैं। नई सरकार के गठन के साथ ही विधायकों और नए मंत्रियों के आवास को लेकर सम्‍पत्ति राजस्‍व विभाग सक्रिय हो जाता है। 

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इस बार भी विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव में हारे और जीते विधायकों की लिस्‍ट के साथ बंगलों के आवंटन से पहले उन्‍हें खाली कराकर छोटी-मोटी मरम्‍मत कराई जाएगी। बंगलों को आवंटित करने से पहले पूरी तरह तैयार किया जाएगा। इसी के तहत हारे हुए विधायकों से आवास खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

चुनाव हारा हूं, हिम्मत और हौसला नहीं
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद पूर्व भारतीय जनता पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि जनता का जनादेश हमें मंजूर है। जिस तरह से जीत स्वीकारी जाती है उसी तरह मैं अपनी हार स्वीकारता हूं। मैं चुनाव हारा हूं हिम्मत और हौसला नहीं। जिन मुद्दों के कारण मैंने भाजपा छोड़ी थी वो मुद्दे आज भी वैसे ही हैं, उन मुद्दों को लेकर हम फिर से जनता के बीच जाएंगे।

मौर्य ने भाजपा पर बोला था हमला
स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने नतीजों में हार के बाद एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है। मीडिया से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि वह समाजवादी पार्टी के साथ है और समय-समय पर सरकार को घेरते रहेंगे। यही नहीं स्‍वामी ने सांप-नेवला वाला अपना बयान दोहराया और कहा कि नेवला हमेशा बड़ा होता है और मैं आज भी नेवला हूं और बीजेपी रूपी नाग और सांप को एक न एक दिन खत्म कर दूंगा। इस बार नागर और सांप ने मिलकर नेवले को जीतने नहीं दिया, लेकिन इस बार जो कमी रह गई, उस पर विचार होगा।

सपा को जितवाने का किया था दावा, अपनी सीट भी नहीं बचा पाए स्‍वामी 
स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने इस चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ने और समाजवादी पार्टी का दामन थामने के बाद अखिलेश की मुख्‍यमंत्री पद पर ताजपोशी कराने का दावा किया था। उन्‍होंने कहा था कि वह आज जिस किसी पार्टी में गए, उसकी सरकार बन गई। स्‍वामी के सहारे अखिलेश यादव को सपा को गैर यादव पिछड़ी जातियों के बंपर वोट मिलने की उम्‍मीद थी। सपा के रणनीतिकारों को लगा कि स्‍वामी के आने से वोटों का नया समीकरण बनेगा जो सूबे में उसे सत्‍ता वापसी कराने में सहायक होगा लेकिन स्‍वामी खुद अपनी ही सीट नहीं बचा सके। 

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