पूर्व CM अखिलेश यादव के रिश्तेदार ठगी का शिकार, ये है पूरा मामला

सपा नेता सौरभ यादव ने पुलिस को बताया कि उनके बहनोई सेना में कर्नल हैं जो असम में तैनात हैं। वो कासगंज में जमीन तलाश रहे थे। इसलिए उन्होंने अपने बहनोई के लिए जमीन का सौदा तय किया था। 

Ankur Shukla | Published : Feb 17, 2020 4:54 AM IST / Updated: Feb 17 2020, 11:57 AM IST

कासगंज (Uttar Pradesh) । सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रिश्तेदार से ठगी के शिकार हो गए हैं।  बता दें कि एक साल पहले हुई इस ठगी के मामले में जब जालसाज ने सात लाख रुपए लौटाने और भूखंड का बैनामा करने से मना कर दिया तो पीड़ित सपा नेता ने कासगंज कोतवाली में तीनों नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

जमीन का बैनामा कराने के नाम पर ठगी
सदर कोतवाली क्षेत्र के कादरपुर निवासी सौरव यादव पुत्र प्रेमपाल यादव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नजदीकी रिश्तेदार हैं। वह प्रधान भी रह चुके हैं। उन्होंने कोतवाली सदर में मुकदमा दर्ज कराकर जमीन का बैनामा कराने के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है। सपा नेता सौरव यादव का आरोप है कि एक वर्ष पहले सहावर थाना क्षेत्र के गांव कुंवरपुर निवासी चिंटू उर्फ शैलेंद्र ने एक जमीन का सौदा कराया था। इसमें भूखंड मानपुर नगरिया के बाबर की मां फातिमा के नाम से था, जिसका आरोपियों ने सात लाख रुपये में बैनामा कराने की बात कही थी, लेकिन आरोपी बैनामा नहीं करा सके।
 
बहनोई के लिए खरीद रहे थे जमीन
सपा नेता सौरभ यादव ने पुलिस को बताया कि उनके बहनोई सेना में कर्नल हैं जो असम में तैनात हैं। वो कासगंज में जमीन तलाश रहे थे। इसलिए उन्होंने अपने बहनोई के लिए जमीन का सौदा तय किया था। उन्होंने छह लाख रुपये चिंटू के खाते में डाले थे और एक लाख का भुगतान बाबर की मां के खाते में कर दिया था।

जांच में जुटी पुलिस
आरोपी एक साल तक बैनामा के लिए टालते रहे. जब हमने बैनामा कराने की या धनराशि वापस करने की बात कही तो आरोपियों ने दोनों ही बातों से इनकार कर दिया। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। मुकदमे में गृह मंत्रालय के आदेश का हवाला दिया है, जिसमें प्रदेश सरकार की ओर से अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सेना में तैनात जवानों और अफसरों के मामले प्राथमिकताएं से निपटाएं।

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