अनुशासनहीनता के आरोप में कांग्रेस ने पंडित रामकृष्ण द्विवेदी सहित पार्टी के दस वरिष्ठ नेताओं निष्कासित कर दिया। जिसके बाद से वो बीमार चल रहे थे। लखनऊ स्थित मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया।
गोरखपुर (Uttar Pradesh) । उत्तर प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री रामकृष्ण द्धिवेदी (78) के निधन पर कांग्रेसियों में शोक की लहर है। वो जंगल कौडिय़ा ब्लाक के भंडारों गांव के निवासी थे। खबर है कि पार्टी में अनुशासनहीनता के आरोप में कांग्रेस ने पंडित रामकृष्ण द्विवेदी सहित पार्टी के दस वरिष्ठ नेताओं निष्कासित कर दिया। जिसके बाद से वो बीमार चल रहे थे और शुक्रवार को लखनऊ स्थित मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया। बता दें कि कांग्रेस के कर्मठ और पार्टी के प्रति आजीवन निष्ठावान रहे पूर्व गृहमंत्री रामकृष्ण द्विवेदी ने 1971-72 में यूपी के सातवें सीएम रहे त्रिभुवन सिंह (टीएन) सिंह को गोरखपुर के तत्कालीन मानीराम विधानसभा उप चुनाव में शिकस्त दी थी।
चुनाव के दो दिन पहले आईं थी इंदिरा गांधी
जनवरी 1971-72 में मानीराम विधानसभा सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री टीएन सिंह ने चुनाव लड़ा तो यह सीट प्रतिष्ठापरक हो गई। उपचुनाव में कांग्रेस ने रामकृष्ण द्विवेदी को अपना प्रत्याशी बनाया और उनके प्रचार के लिए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी खुद आईं। चुनाव के दो दिन पहले इंदिरा गांधी के भाषण ने चुनाव की तस्वीर बदल दी, अंतत: रामकृष्ण द्विवेदी चुनाव में विजयी घोषित हुए।
सीएम को देना पड़ा था इस्तीफा
उप चुनाव में हार के कारण मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद पं. कमलापति त्रिपाठी के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ था, जिसमें रामकृष्ण द्धिवेदी को गृह मंत्री बनाया गया।
अनुशासन समिति रह चुके थे चेयरमैन
उप चुनाव में मुख्यमंत्री को हराने के बाद पं. द्विवेदी का कद लगातार बढ़ता गया। बहुत जल्द ही वह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबियों में शुमार हो गए। वह प्रदेश अनुशासन समिति के लंबे समय तक चेयरमैन रहे।
अनुशासनहीनता के आरोप में थे निष्कासित
अपने निष्कासन पर राम कृष्ण द्विवेदी ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस की विचारधारा पर दृढ़ विश्वास है और वह पार्टी से निकाले जाने से बेहद दुःखी हैं। ऐसा लगता है कि इसमें गहरी साजिश है और पार्टी में बाहर से आए तत्वों ने इसे अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील करेंगे, ताकि गुनहगार को सजा मिल सके। प्रियंका गांधी की भूमिका को लेकर राम कृष्ण द्विवेदी ने कहा था कि पार्टी महासचिव भी अनुशासन समिति के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं। कांग्रेस संविधान से चलेगी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हम न तो पार्टी की नीतियों का विरोध कर रहे हैं और न ही हम प्रियंका के फैसले से नाराज हैं। वो हमारी नेता हैं।
(फाइल फोटो)