
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) । जनवरी 2020 से बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में अब भूत शिक्षा यानि साइंस आफ पैराकनॉर्मल की पढ़ाई होगी। इसके लिए छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जा रहा है। इसमें मनोचिकित्सा संबंधी विकारों, उपचार और मनोचिकित्सा के बारे में बताया जाएगा। एसोसिएट प्रोफेसर सुशील दुबे ने बताया कि प्रवेश की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
पाठ्यक्रम की रूपरेखा
भूत शिक्षा की अवधारणा और भूत शिक्षा उपचारात्मक पहलू नामक दो पेपर इस कोर्स के अंतर्गत संचालित होंगे। भूत शिक्षा की अवधारणा में परिभाषा, अनेक अर्थ, ऐतिहासिक महत्व, जनता में सामान्य समझ और आयुर्वेद में भूत शिक्षा की भूमिका के पाठ पढ़ाए जाएंगे। भूत शिक्षा उपचारात्मक पहलू के अंतर्गत चिकित्सा के प्रकार, ग्रह की प्रकृति, उपसर्ग की कायचिकित्सा पाठ पढ़ाए जाएंगे।
आईएमएस बीएचयू में जीरियाट्रिक मेडिसिन की पढ़ाई
आईएमएस बीएचयू में अब जीरियाट्रिक मेडिसिन की पढ़ाई होगी। इसके लिए जेरियाट्रिक मेडिसिन विभाग में एमडी पाठ्यक्रम शुरू हो गया है। इस तरह का पाठ्यक्रम चलाने वाला आईएमएस प्रदेश का पहला चिकित्सकीय संस्थान बन गया है। इसके पहले एम्स में एमडी मेडिसिन की पढ़ाई होती थी। इससे जहां एक ओर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई हो सकेगी, वहीं विभाग में सुविधाएं भी बढ़ेंगी।
वैज्ञानिक तरीके से होगा भूत प्रेत और बाधा का निवारण
भूत यदि है तो उसकी शांति के लिए मणि मंगल विधान विधि से चिकित्सा की जा सकेगी। उचित कारण का पहचान कर उचित चिकित्सा उपलब्ध कराना ही भूत शिक्षा का मूल उद्देश्य है। साथ ही समाज में भूत-प्रेत के नाम पर गरीबों को लूटने वालों में कमी आएगी। ऐसे में सर्वविद्या की राजधानी कही जाने वाली बीएचयू में एक और विषय ऐसा जुड़ने जा रहा है जिसकी वजह से समाज में भूत प्रेत और बाधा का भी निवारण वैज्ञानिक तरीके से हो सकेगा।
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