गाजियाबाद में पिटबुल समेत 3 अन्य प्रजाति के कुत्तों पर लगी रोक, 2 महीने के अंदर कराना होगा पंजीकरण

कानपुर के बाद अब गाजियाबाद में भी पिटबुल, रॉटविलर और डोगो अर्जेंटनो जैसे खतरनाक नस्ल के कुत्ते पालने पर रोक लगा दी गई है। जो लोग पहले से इन नस्ल के कुत्तों को पाल रहे हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से दो महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

गाजियाबाद: दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में बढ़ते खतरनाक नस्लों के कुत्तों के हमलों को लेकर नगर निगम ने अहम फैसला लिया है। गाजियाबाद नगर निगम ने क्रूर पिटबुल, रॉटवीलर और डोगो अर्जेंटीनो प्रजाति के कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन नस्लों के कुत्तों को रखने की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके लिए कोई लाइसेंस भी नहीं जारी किया जाएगा। अगर किसी ने इनको खरीदा तो वह खुद जिम्मेदार होगा। कुत्तों का पंजीकरण नहीं कराने पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसकी जानकारी बीजेपी नेता और जीएमसी पार्षद संजय सिंह ने बताया कि इन नस्लों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया था जिसे नगर निकाय सदन ने पारित कर दिया था। 

दो महीने के अंदर जानवरों का कराना होगा पंजीकरण
नागरिक निकाय ने शनिवार को पालतू जानवरों के मालिकों के लिए कई अन्य दिशा-निर्देश जारी किए। जिसमें अपने कुत्तों के लिए लाइसेंस प्राप्त करना होगा जो एक नवंबर से जारी किया जाएगा। इतना ही नहीं कोई भी परिवार एक से अधिक कुत्तों को नहीं पाल सकता है। दूसरी ओर सोसाइटी में रहने वाले पालतू जानवरों के मालिकों को अपने कुत्तों को बाहर निकालने के लिए सर्विस लिफ्ट का उपयोग करना होगा। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि वह सार्वजनिक स्थानों में थूथन (मास्क) जरूर पहनें। सभी पशुपालकों को दो महीने के अंदर पंजीकरण अवश्य कराना होगा। हाल के महीनों में शहर के विभिन्न इलाकों से कुत्ते के काटने की कई घटनाओं के बीच यह फैसला आया है।

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नसबंदी के बिना प्रमाणपत्र पंजीकरण की नहीं होगी अनुमति
भाजपा नेता ने कहा कि जिन लोगों के पास पहले से ही पिटबुल, रॉटवीलर और डोगो अर्जेंटीनो की नस्लें हैं तो दो महीने के अंदर उनकी नसबंदी करवानी होगी। मेयर आशा शर्मा का कहना है कि शनिवार को हुई नगर निकाय की बोर्ड बैठक में कुत्तों की नसबंदी को अनिवार्य घोषित कर दिया गया और नसबंदी के बिना प्रमाणपत्र पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। आगे कहती है कि कुत्ता छह महीने से छोटा है तो मालिक को आश्वासन के साथ एक हलफनामा जमा करना होगा। जिसमें इस बात का जिक्र होगा कि वह जब एक का हो जाएगा तो पालतू जानवर की नसबंदी कर दी जाएगी। महापौर ने यह भी कहा कि कुत्ते के मालिक अपने पालतू जानवरों से प्यार करते हैं लेकिन उन बच्चों के बारे में भी सोचना होगा जो कुत्ते के हमले से गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

पालतू जानवरों के मालिकों का जारी होगा नोटिस  
जीएमसी के सभी जोनल अधिकारियों को बोर्ड की बैठक में पारित नियमों और विनियमों के बारे में बताने के लिए पालतू जानवारों के मालिकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है। महापौर आशा शर्मा ने आवारा कुत्तों को लेकर कहा है कि निवासियों को उन्हें एक बताए हुए स्थान पर ही भोजन देने की अनुमति दी जाएगी। आगे कहती है कि गाज़ियाबाद नगर निगम (जीएनएन) आरडब्ल्यूए (निवासी कल्याण संघ) से शिकायत प्राप्त होने पर कुत्ते के मालिकों पर जुर्माना लगाया जाएगा। बता दें कि इससे पहले कानपुर नगर निगम और पंचकुला नगर निगम ने शहर की सीमा के अंदर पालतू जानवरों के रूप में पिटबुल और रॉटवीलर नस्लों के कुत्तों पर प्रतिबंध लगा दिया था। 

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