
आजमगढ़ (Uttar Pradesh) । जिला अस्पताल से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर आ रही है। यहां मुर्दे को ऑक्सीजन व ड्रिप लगाकर इंजेक्शन लगाने की बात कही जा रही है। परिजनों के विरोध के बाद जिम्मेदार पहले लीपापोती में जुटे रहे, लेकिन बात बढ़ने पर अब जांच की बात कह रहे हैं। एसआईसी ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह लापरवाही का मामला नहीं है, फिर भी डॉ चंद्रहास व डॉ राजनाथ से मामले की जांच कराई जा रही है। अगर किसी तरह की लापरवाही मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी
डॉक्टर ने कहा था वे हैं ठीक
रौसड़ गांव निवासी हरिप्रसाद (60) का दो दिन पहले जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के अंजान शहीद में एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें परिजन जिला अस्पताल में भर्ती कराए थे। परिजनों के मुताबिक हरिप्रसाद बिल्कुल ठीक थे। खुद डॉक्टर ने इसकी पुष्टि की थी। वे कह रहे थे कि मंगलवार को एक्स-रे कराकर देखा जाएगा कि कहीं इंजरी तो नहीं है। मंगलवार को दोपहर में मरीज ने हल्का भोजन लिया। इसके बाद उनका पेट फूलने लगा। इसकी जानकारी नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर को दी गई, लेकिन कोई नहीं आया।
ऑक्सीजन लगाकर स्टार्ट करना भूली नर्स
परिजन घंटे भर अस्पताल स्टॉफ के आगे-पीछे घूमते रहे, लेकिन कोई डॉक्टर मौके पर नहीं आया। एक नर्स आई तो ऑक्सीजन लगा कर चली गई, लेकिन वह उसे चालू करना भूल गई। डॉक्टर तब पहुंचे जब मरीज की मौत हो चुकी थी।
मृत मरीज को ड्रिप लगाकर चले गए डॉक्टर
इसके बाद दूसरे डॉक्टर मरीज को देखने के लिए आए। वे भी मरीज को मृत घोषित करने की बजाय ड्रिप के साथ छोड़कर चले गए। परिजनों ने इसका विरोध किया तो एसआइसी श्रीकृष्ण सिंह मौके पर पहुंचे और लीपापोती का प्रयास किया। इस वक्त भी लाश बेड पर पड़ी थी। परिजनों ने उसे हटाने से मना कर दिए।
पहले की लीपापोती की कोशिश
मामले में जब एसआईसी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि फाइल में साफ है कि मरीज सीरियस है। ऑक्सीजन चालू था, लेकिन पेसेंट को इंजरी तो थी ही वह सूगर का मरीज था। परिजनों की सूचना के बाद डॉ रामकेवल मरीज को देखे थे। मरीज को इंजेक्शन लगाया तभी उसकी डेथ हो गई।
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