
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर में मरीजों के लिए एक नया फरमान जारी हुआ है। अक्सर देखते है कि एंबुलेंस में कोई भी मरीज निकलता है तो लोग रास्ता दे देते, पर कभी-2 ऐसे भी मौके आते है कि एंबुलेंस अपने समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाती। सभी जानते है कि एंबुलेंस में कोई सैर के लिए नहीं जाता है, यह सभी जानते हैं। लेकिन फिर भी खुद की आदतों से दूसरे का जीवन संकट में डाल दिया जाता है।
दूसरे के जीवन संकट में डालने से मतलब यह है कि एंबुलेंस के बजते हूटर के बाद भी कभी नहीं हटने वालों पर अब पुलिस केस दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई करेगी। पुलिस के इस फैसले से एंबुलेंस समेत मरीजों के लिए भी यह फैसला हित में साबित होगा। शहर के तकरीबन सभी रोड पर सीसीटीवी कैमरे लगे है जिसकी मदद से पुलिस शिकंजा कसेगी। शहर के एसएसपी डॉ विपिन ताडा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
कई शिकायते आने के बाद एसएसपी हुए गंभीर
जानकारी के मुताबिक एंबुलेंस व अग्रिनशमन की गाड़ियां इमरजंसी सेवा वाहन है, जिसमें तेज हूटर की आवाज होती है ताकि लोग आवाज को सुनकर हट सके और समयनुसार दोनों गाड़ियां अपने स्थल में पहुंच सके। शहर में गोरखपुर में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें रोड पर जगह होने के बावजूद एंबुलेंस को रास्ता नहीं दिया गया। ऐसी कई शिकायते सामने आने के बाद एसएसपी ने इसे गंभीरता से लिया है।
शिकायतों पर नंबर को किया जाएगा ट्रेस
एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि ऐसी शिकायतों पर आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट) के कैमरों की मदद से ऐसे वाहनों के नंबर को ट्रेस किया जाएगा और फिर केस दर्ज कर आरोपित को जेल भी भेजा जाएगा। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि एंबुलेंस को रास्ता न देने वालों पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। आईटीएमएस की मदद से ऐसे लोगों की फोटो कैद हो जाएगी और फिर केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा।
दस हजार रुपए का जुर्माना का है प्रावधान
आगे उन्होंने बताया कि आईटीएमएस की मदद से एक ऐसा आंकड़ा भी जुटाया जा रहा है। जो एक से अधिक बार नियम तोड़ेगें उसके लिए पुलिस केस दर्ज कर कार्रवाई करेगी। इसके लिए एसएसपी के आदेश पर डाटा जुटाया जा रहा है। इसके बाद इस पर कार्रवाई तेज कर दी जाएगी। इतना ही नहीं एंबुलेंस को रास्ता न देने पर दस हजार रुपए जुर्माना का प्रवाधान पहले से ही है। इसके अंतर्गत पुलिस ने कई बार कार्रवाई भी की, लेकिन लोगों में कोई सुधार नहीं हुआ। इसी वजह से केस दर्ज करने का फैसला लिया गया है।
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