बरेली की अदालत ने अपनाया सख्त रुख, गोरखपुर की एसपी ट्रैफिक होंगी अरेस्ट

बरेली की स्थानीय अदालत ने पक्सो एक्ट से जुड़े एक मामले में गवाही के लिये पेश नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए गोरखपुर की पुलिस अधीक्षक (यातायात) इंदु प्रभा सिंह की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 4, 2021 11:23 AM IST


बरेली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बरेली की स्थानीय अदालत ने  पुलिस अधीक्षक (SP) (यातायात) इंदु प्रभा सिंह (Indu prabha singh) की गिरफ्तारी का अरेस्ट वारंट (arrest warrant) जारी कर दिया है। पांच साल पहले पाक्सो एक्ट के तहत एक मुकदमा (case) दर्ज हुआ जिसकी तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक इंदु प्रभा सिंह विवेचक (discriminant) थीं।

चार बार नोटिस, फिर जारी किया अरेस्ट वारंट
मामला बरेली जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र में वर्ष 2016 में पाक्सो एक्ट (POCSO ACT) के तहत दर्ज हुए मुकदमे से जुड़ा है। इस मामले में तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक इंदु प्रभा सिंह विवेचक थीं। बरेली से गोरखपुर स्थानांतरण (Transfer) के बाद वह गवाही के लिये अदालत में पेश होने नहीं आईं। इस पर अदालत (court) द्वारा उन्हें चार बार नोटिस भेजा गया। इसके बावजूद भी जब इंदु कोर्ट में पेश होने नहीं पहुंची तो अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। 

Latest Videos

10 दिसंबर को होगी सुनवाई 
विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) (Special Judge PACSO Act)अनिल कुमार सेठ ने इस संबंध में गोरखपुर (Gorakhpur) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भी स्पष्टीकरण (explanation) मांगा है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पाक्सो एक्ट से जुड़े संवेदनशील मामले (sensitive matters) में लापरवाही बरती जा रही है, जो कि माफी योग्य नहीं है। अदालत ने पांच साल पुराने मामले में लापरवाही के कारण सुनवाई लगातार टलने का हवाला देते हुए कहा कि अगर स्थगन अर्जी भेजी, तो कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को मुकर्रर की है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

रोचक किस्साः गुजरात के भैंसों का कमाल, ब्राजील हो गया मालामाल
J&K में अमित शाह ने विपक्ष को धो डाला, कहा- '40 हजार हत्याओं के जिम्मेदार हैं 2 लोग'
'जहर' बन गए कंगना रनौत के ये 5 बयान, इस वजह से बार-बार शर्मिंदा हुई BJP
दिल का दौरा पड़ते ही करें 6 काम, बच जाएगी पेशेंट की जान #Shorts
उपचुनाव में डिसाइडिंग फैक्टर साबित हो सकती है मायावती की एंट्री, 5 प्वाइंट में समझिए कैसे