यूपी के ग्रेटर नोएडा में 31 दिसंबर की रात को इंजीनियरिंग की छात्रा को टक्कर मारने वाले आरोपी ने पुलिस को चकमा देने के लिए कार की मरम्मत कराई थी। 50 मैकेनिकों से पूछताछ और 100 सीसीटीवी खंगालने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 31 दिसंबर की रात को इंजीनियरिंग लास्ट इयर की छात्रा स्वीटी कुमारी समेत 3 छात्रों को कार से टक्कर मार कर कार चालक फरार हो गया था। बता दें कि फिलहाल पुलिस को दो सप्ताह बाद इस मामले में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस घटना के आरोपी ठेकेदार गुलाब सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी गुलाब सिंह 31 दिसंबर की रात को दोस्तों के साथ शराब पार्टी कर लौट रहा था। इस दौरान आरोपी ने नशे की हालत में छात्रा स्वीटी और उसके दोस्तों को टक्कर मारी थी।
अभी तक अस्पताल में भर्ती है छात्रा
बता दें कि पुलिस ने 50 से अधिक कार मकैनिकों से पूछतार कर और 100 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाले जाने के बाद घटना का खुलासा किया है। हादसे की रात डेल्टा-1 में किराए पर रहने वाली स्वीटी रूम पार्टनर करसोनी डोंग व छात्र आनगानवा के साथ सेक्टर अल्फा-2 अलाव जलाने के लिए सामान लेकर घर लौट रही थी। इसी दौरान सड़क पार करते समय डेल्टा-1 गोलचक्कर के पास एक सफेद सेंट्रो कार ने तीनों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में स्वीटी को ज्यादा चोटें आईं थीं। वहीं उसके साथियों को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। लेकिन स्वीटी अभी तक अस्पताल में भर्ती है। हादसे के कारण वह अपनी पऱीक्षा भी नहीं दे पाई।
चकमा देने के लिए कराई कार की मरम्मत
वहीं पुलिस की 7 टीमें आरोपी कार चालक की तलाश में जुटी थीं। सीसीटीवी फुटेज में हादसे के दौरान ऑडी समेत तीन कार घटनास्थल से गुजरी थीं। ऑडी सवार दंपति ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया था कि सफेद सेंट्रो ने तीनों को टक्कर मारी थी। लेकिन वह कार का पूरा नंबर नहीं बता पाए थे। घटना के अगले दिन यानि कि 1 जनवरी को आरोपी ने तुगलपुर में एक सफेद सेंट्रो की मरम्मत कराई गई थी। पुलिस टीम को यहां से कार नंबर का पता चला। जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले का खुलासा करने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने 25 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है।
दो सप्ताह बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी
हादसे के बाद स्वीटी के इलाज के लिए गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस ने 11 लाख और अन्य लोगों ने मिलकर करीब 30 लाख रुपए की मदद की थी। पुलिस की सात टीमें आठ किलोमीटर के दायरे में आरोपी को तलाश रहीं थीं। वहीं बेहतर गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होने के कारण पुलिस कार का नंबर नहीं ट्रेस कर पा रही थी। बताया गया कि बीटा-2 थाने के सामने स्थित सेक्टर के एच ब्लाक स्थित घर में आरोपी छिपा हुआ था। मामले की पूछताछ के दौरान आरोपी गुलाब सिंह ने बताया कि नशे के चलते उसे होश नहीं थी। यहां तक कि उसे यह भी नहीं याद है कि घटना के बाद वह घर कैसे पहुंचा और घायलों का क्या हुआ। आरोपी पहले प्राधिकरण के लिए ठेके पर काम कर चुका है।
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