राम मंदिर पर अपने फैसले पर कायम सुप्रीम कोर्ट, खारिज की 18 पुनर्विचार याचिकाएं

अयोध्या फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं 18 पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली 5 जजाें की संवैधानिक बेंच ने इसपर बंद कमरे में सुनवाई की। बेंच में चार अन्य जजाें में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नजीर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 12, 2019 5:43 AM IST / Updated: Dec 12 2019, 05:09 PM IST

अयोध्या (Uttar Pradesh). अयोध्या फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं 18 पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली 5 जजाें की संवैधानिक बेंच ने इसपर बंद कमरे में सुनवाई की। बेंच में चार अन्य जजाें में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नजीर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल थे। फैसले के खिलाफ कुल 19 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हुई जिसमे से 18 विचार के लिए दाखिल की गई थी। 

निर्मोही अखाड़ा ने भी दाखिल की थी पुनर्विचार याचिका
बता दें, सुप्रीम काेर्ट ने 9 नवंबर को विवादित 2.7 एकड़ जमीन पर ट्रस्ट के जरिए राम मंदिर बनाने का फैसला सुनाया था। साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए 18 याचिकाएं दायर की गई। इसमें से अधिकतर याचिकाएं फैसले से असंतुष्ट मुस्लिम पक्षकारों की थीं। निर्मोही अखाड़ा की तरफ से भी पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। अखाड़ा ने राम मंदिर के ट्रस्ट में अपनी भूमिका तय करने की मांग की थी। 

पक्षकारों की तरफ से दायर की गई थी 9 याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट में कुल 18 याचिकाएं दाखिल की गई थी। इनमें 9 याचिकाएं पक्षकारों की ओर से और बाकी 9 अन्य याचिकाकर्ता की थीं। 18 में 5 याचिकाएं ऐसी थीं जिन्हें ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) का समर्थन है। इन याचिकाओं को वरिष्ठ वकील राजीव धवन और जफरयाब जिलानी के निरीक्षण में मुफ्ती हसबुल्ला, मौलाना महफूजुर रहमान, मिस्बाहुद्दीन, मोहम्मद उमर और हाजी महबूब की ओर से दायर किया गया था।

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