आगरा: ताजमहल के 22 कमरों को खोलने की याचिका पर आज होगी सुनवाई, सर्वे में वीडियोग्राफी की मांग

ताजमहल को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होगी। जिसमें सभी की निगाहें टिकी हुई है। बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और देश के नामी गिरामी संस्थानों के लिए तहखाना कई बार खुला है। 

आगरा: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में ताजमहल पर उठ रहे सवाल सभी के मन में हैं। ताजमहल के तहखाने में बने 20 कमरों को खोलने की याचिका दाखिल हुई है, उस पर सभी की नजरे है। देश में कई मस्जिद और मंदिर पर उठे सवालों के बाद उसके अंदर ताजमहल भी आ चुका है। अब ताजमहल को लेकर कोई शिवमंदिर तो कोई तेजोमहालय बता रहे है। इसी को लेकर दायर याचिका पर आज सुनवाई होनी है। ताजमहल के 22 कमरों को खोलने की मांग के पीछे का कारण भी यही है कि पता लग सके इनके अंदर देवी देवताओं की मूर्ति और शिलालेख हैं भी या नहीं। गुरुवार की सुनवाई से पहले भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और देश के नामी गिरामी संस्थानों के लिए तहखाना कई बार खुला है। ताजमहल की मजबूती परखने के लिए समय-समय पर तहखाने में जाकर इसका सर्वे किया गया है। 

1993 में रुड़की विश्वविद्यालय ने किया था सर्वे
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने 16 साल पहले तहखाने का संरक्षण कराया था। लेकिन इसकी मजबूती परखने के लिए कई इंस्टीट्यूट ने सर्वे कराया था। नेशनल नेशनल जियोग्राफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट और रुड़की विश्वविद्यालय ने वर्ष 1993 में सर्वे कराया था, जिसमें ताजमहल के तहखाने की दीवार तीन मीटर मोटी बताई गई और मुख्य गुंबद पर असली कब्रों के नीचे का हिस्सा ठोस बताया गया था। वहीं रुड़की विश्वविद्यालय ने इस सर्वे को करने में इलेक्ट्रिकल, शीयर वेब स्टडी, मैग्नेटिक प्रोफाइलिंग तकनीक और ग्रेविटी एंड जियो रडार तकनीक का उपयोग किया था। 

Latest Videos

भविष्य के भूकंप को लेकर हुई थी जांच
इतना ही नहीं रुड़की विश्वविद्यालय के अर्थक्वेक इंजीनियरिंग विभाग ने 1993 में ताजमहल पर भूकंप के प्रभाव को लेकर भी सर्वे कराया था। प्रोजेक्ट नंबर पी-553 ए की रिपोर्ट जुलाई 1993 में जारी की गई थी। आने वाले समय यानी भविष्य के भूकंप की स्थिति में ताजमहल को नुकसान होने की स्थिति के लिए यह सर्वे किया गया था। इसी वजह से ताजमहल के तहखानों को खोला गया था, जिसमें गुंबद, मीनारों, तहखानों की दीवारों की मजबूती को जांचा गया था।

ताजमहल और महताब 13 मीटर तक है गहरी
बता दें कि नेशनल जियोग्राफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने महताब बाग और ताजमहल का एक साथ सर्वे किया था। जिसमें कई चीजों के बारे में जानकारी हुई थी। इस सर्वे में मेग्नेटिक प्रोफाइलिंग तकनीक के इस्तेमाल से पता चला कि ताजमहल और महताब बाग के जो हिस्से जानकारी में है। उनके अलावा नींव में कोई स्ट्रक्चर नहीं पाया गया। फाउंडेशन के कुंओं पर बोर होल ड्रिल 9.50 मीटर गहराई तक किए गए। इतना ही नहीं रिफ्लेक्शन सीस्मिक जांच में ताजमहल की नींव में 90 मीटर तक सख्त चट्टानें पाई गईं। साथ ही ताजमहल और महताब बाग की नींव की गहराई नदी किनारे 13 मीटर तक पाई गई। 

बहन का अश्लील वीडियो दिखाकर भाई को करता था परेशान, दोस्तों के साथ प्लानिंग करके पड़ोसी को उतारा मौत के घाट

Share this article
click me!

Latest Videos

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
कौन है 12 साल की सुशीला, सचिन तेंदुलकर ने बताया भविष्य का जहीर खान, मंत्री भी कर रहे सलाम
जयपुर अग्निकांड: एक दिन बाद भी नहीं थमा मौत का सिलसिला, मुर्दाघर में लग रही भीड़
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts