हाथरस की घटना पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, यूपी सरकार को भेजा नोटिस; DM-SP तलब

हाथरस की घटना पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के शीर्ष अफसरों को तलब किया है। अदालत ने गुरुवार को घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए यूपी सरकार, शासन के शीर्ष अधिकारियों और हाथरस के डीएम और एसपी को नोटिस जारी किया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2020 5:13 PM IST / Updated: Oct 02 2020, 02:56 PM IST

लखनऊ. हाथरस की घटना पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के शीर्ष अफसरों को तलब किया है। अदालत ने गुरुवार को घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए यूपी सरकार, शासन के शीर्ष अधिकारियों और हाथरस के डीएम और एसपी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पीड़िता के साथ हाथरस पुलिस के बर्बर, क्रूर और अमानवीय व्यवहार पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी है। पीठ इस मामले की सुनवाई 12 अक्टूबर को करेगी। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस की घटना पर सख्त निर्देश देते हुए गंभीर चिंता भी व्यक्त की है। अदालत ने इस घटना पर राज्य सरकार से भी प्रतिक्रिया मांगी है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव (गृह), डीजीपी, एडीजी कानून और व्यवस्था, हाथरस के डीएम और एसपी को नोटिस जारी कर उन्हें अगली सुनवाई पर तलब किया गया है। इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) और प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया था।

NHRC का भी नोटिस
मानवाधिकार आयोग ने इस संबंध में डीजीपी और मुख्य सचिव को 4 हफ्ते में घटना की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग को महाराष्ट्र के एक वकील से ऐसी एक शिकायत मिली थी जिसमें घटना की SIT या CB-CID जांच की मांग की गई थी। ठाणे के एडवोकेट आदित्य मिश्रा भी अनुसूचित जाति अधिनियम के अनुसार पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं जिसमें मुआवजा अनिवार्य है।

 

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