
अयोध्या (Uttar Pradesh). राम मंदिर पर फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकीलों की टीम 23 नवंबर को रामलला विराजमान को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी सौंपेगी। एडवोकेट भक्तिवर्धन सिंह ने बताया, वरिष्ठ वकील केशव पराशरण के नेतृत्व में पहली बार हिंदू पक्ष के 20 वकीलों की टीम अयोध्या जाएगी। रामलला की पूजा के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट की कॉपी सौंपी जाएगी।
पुनर्विचार याचिका दाखिल होने पर हिंदू पक्ष करेगा विचार
वहीं, हिंदू पक्षकार के प्रवक्ता विष्णुशंकर जैन कहते हैं, कोर्ट के फैसले के खिलाफ अगर पुनर्विचार विचार दाखिल की जाती है तो हिंदू पक्ष भी उस पर विचार कर सकता है कि मुस्लिम पक्ष को दी गई 5 एकड़ जमीन कितनी सही है और कितनी गलत। हमारी लड़ाई इस पर थी कि बाबर के नाम पर अयोध्या में या देश में कहीं-कोई मस्जिद ना बने।
ये था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा था- पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी जाए। मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। चीफ जस्टिस ने मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने का फैसला सुनाया। कहा कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है।
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