प्रोफेसर के इस्तीफा देने के बाद केंद्रीय मंत्री का बड़ा बयान, फिरोज खान ही BHU में संस्कृत पढ़ाएंगे

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में प्रोफेसर फिरोज खान के संस्कृत पढ़ाने के विरोध का मुद्दा लोकसभा तक पहुंच गया है। सदन में विपक्षी पार्टियों द्वारा मामला उठाए जाने पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, फिरोज खान बीएचयू के संस्कृत विभाग में प्रोफेसर हैं और वो संस्कृत ही पढ़ाएंगे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 13, 2019 7:09 AM IST / Updated: Dec 13 2019, 12:40 PM IST

वाराणसी (Uttar Pradesh). काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में प्रोफेसर फिरोज खान के संस्कृत पढ़ाने के विरोध का मुद्दा लोकसभा तक पहुंच गया है। सदन में विपक्षी पार्टियों द्वारा मामला उठाए जाने पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, फिरोज खान बीएचयू के संस्कृत विभाग में प्रोफेसर हैं और वो संस्कृत ही पढ़ाएंगे। बता दें, हाल ही में विरोध के चलते प्रोफेसर ने संस्कृत संकाय से इस्तीफा दे कला संकाय के आयुर्वेद विभाग में ज्वाइन कर लिया है।

आयुर्वेद विभााग के इंटरव्यू में पहले स्थान पर आए फिरोज खान
बता दें, फिरोज खान ने बीएचयू के दो विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर आवेदन किया था। पहला संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय और दूसरा आयुर्वेद विभाग। जिसके बाद उन्हें संस्कृत संकाय में नियुक्ति मिली थी। लेकिन छात्रों के विरोध के बाद उन्होंने आयुर्वेद विभाग में इंटरव्यू दिया, जिसमें वे पहले स्थान पर रहे। बताया जा रहा है कि आयुर्वेद विभाग की तरफ से उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किया जा चुका है। एक महीने के अंदर उन्हें ज्वाइनिंग करनी है। 

Latest Videos

बीएचयू में प्रोफेसर की नियुक्ति का विवाद
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में फिरोज खान को संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त करने को लेकर विवाद चल रहा है। फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि, यूनिवर्सिटी साफ कर चुका है कि खान की नियुक्ति बीएचयू एक्ट, केंद्र सरकार और यूजीसी की गाइडलाइंस के तहत ही हुई है। 

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था, संस्कृत कोई पढ़ और पढ़ा सकता है, इस पर हमारा ऐतराज नहीं। हमारा ऐतराज यह है कि सनातन धर्म की बारीकियां, महत्व और आचरण का कोई गैर सनातनी (जो दूसरे धर्म का है) कैसे पढ़ा सकता है? शिक्षण के दौरान साल में जब पर्व आते हैं तो हम गौमूत्र का भी सेवन करते हैं तो क्या नियुक्त हुए गैर सनातनी शिक्षक उसका पालन करेंगे। बता दें, बीएचयू में पिछले 4 साल से ऋषि शर्मा छात्रों को उर्दू पढ़ा रहे हैं। 

द्रमुक, कांग्रेस और बसपा ने लगाया आरोप
बता दें, लोकसभा में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक पर चर्चा के दौरान द्रमुक सांसद ए राजा, कांग्रेस सांसद बेनी बहनान और बसपा के कुंवर दानिश अली ने प्रोफेसर फिरोज खान के मुद्दे को उठाया। द्रमुक के ए राजा ने कहा, भाजपा के सदस्य संस्कृत को देवभाषा होने की बात करते हैं। लेकिन क्या यह केवल हिंदुओं की भाषा है? ऐसा है तो हम इस बात को स्वीकार नहीं करते। 

- कांग्रेस के बेनी बहनान ने कहा, हमें धर्म और भाषा को नहीं मिलाना चाहिए। प्रोफेसर को मजबूरन इस्तीफा देना पड़ा। 

- बसपा के दानिश अली ने कहा, हमारे देश में मिलीजुली संस्कृति है लेकिन राजनीति के कारण इसे खत्म किया जा रहा है। इसी के तहत फिरोज को संस्कृत नहीं पढ़ाने दी जा रही।

Share this article
click me!

Latest Videos

कृषि कानून वाले बयान पर कंगना ने लिया यू-टर्न, क्या अब कम होगी बीजेपी की टेंशन? । Kangana Ranaut
फर्स्ट मीटिंग में ही CM Atishi ने दिखा दिए तेवर, मंत्रियों को दी बड़ी जिम्मेदारी । Delhi । Kejriwal
Pitra Paksha में महिलाओं को नहीं करने चाहिए 6 काम
Navratri 2024 : ये हैं मां दुर्गा के 108 नाम, नवरात्रि में 9 दिन करें इनका जाप
'लगता है कलयुग आ गया' आखिर क्यों हाईकोर्ट को कहनी पड़ गई ये बात । Allahabad Highcourt