
झांसी(Uttar Pradesh ). कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए देश में चल रहा लॉकडाउन असरदार तो हो रहा लेकिन यह बहुत से लोगों के लिए बेहद परेशानी का कारण बन गया है। लॉकडाउन में दुकाने व अन्य सभी प्रतिष्ठान कंस्ट्रक्शन सब कुछ बंद हैं। ऐसे में मजदूरी कर के परिवार चलाने वाले लोगों के लिए ये बेहद मुश्किल का दौर है। हांलाकि सरकार ऐसे लोगों की मदद को आगे आई है लेकिन इसके बावजूद भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो अब भी सरकारी मदद से दूर हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमे लॉकडाउन होने से काम न मिलने से परेशान शख्स ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। उसके बाद उसने खुद भी फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया।
मामला उत्तर प्रदेश के झांसी का है। यहां के मऊरानीपुर के खिलारा गांव का रहने वाला लखन कुशवाहा अपनी पत्नी राजकुमारी और 6 बेटियों के साथ रहता था। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह मजदूरी करता था लेकिन परिवार बड़ा होने और घर खर्च चलने में दिक्क्तों के कारण अक्सर घर में विवाद होता रहता था। लॉकडाउन में उसे कोई काम ने मिलने के कारण परिवार के खाने तक के लाले पड़ गए थे। जिसके कारण घरेलू विवाद और अधिक बढ़ गया था। शनिवार को लखन का पत्नी से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इसपर उसने गुस्से में आकर पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद खुद भी कमरे में जाकर फांसी लगा ली। बेटियों ने शोर मचाकर पड़ोसियों को बुलाया लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
काम न मिलने से तनाव में था लखन
सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का भी कहना था कि आर्थिक तंगी और कोई काम-धंधा न होने के कारण वह मानसिक तनाव में रहता था। जिसके कारण घर में विवाद होना आम बात था। इस बार भी ऐसे ही विवाद हुआ था जिसके बाद लखन ने पत्नी की हत्या करने के बाद ख़ुदकुशी कर ली।
दोनों की मौत के बाद 6 बेटियां हुईं अनाथ
लखन और उसकी पत्नी की मौत के बाद उसकी 6 बेटियां अनाथ हो गईं। पड़ोसी राजेश कुमार ने बताया लखन के कोई बेटा नहीं था बेटे की चाहत में ही उसका परिवार इतना बड़ा हो गया। यही घर में कलह की मुख्य वजह थी। खेती किसानी और मजदूरी ही उसके आय का मुख्य श्रोत था। मजदूरी से घर का खर्च चलता था। लॉकडाउन में काम न मिलने से वह काफी परेशान था।
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