सिंगर फैमली नरसंहार कांड, न पकड़ा जाता तो इस जगह बारी बारी से शवों को ले जाता यह हत्यारा

आरोपी का प्लान था कि घर के बाहर ताला और गाड़ी न देख सभी को लगेगा कि अजय पाठक परिवार सहित करनाल चले गए हैं। रात होने पर वह पुनः घर पहुंचकर उन तीनों लाश को गाड़ी में रखकर ले जाएगा और आसानी पानीपत में ठिकाने लगा देगा। शवों को ठिकाने लगाने के बाद अजय के रखे पैसा हाथ साफ कर देगा, लेकिन शाम के समय घटना की जानकारी पुलिस को लग गई। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 1, 2020 11:28 AM IST / Updated: Jan 01 2020, 07:30 PM IST

शामली (उत्तर प्रदेश) । इंटरनेशनल गायक अजय पाठक, पत्नी, बेटी और बेटे की हत्या करने वाला हिमांशु सैन कैराना के झाड़खेड़ा का रहने वाला है। पकड़े जाने पर उसने अपना गुनाह कबूल किया। साथ ही कहा कि वह सभी शवों को बारी-बारी पानीपत ले जाना चाहता था, लेकिन 31 दिसंबर की शाम पुलिस को हत्या किए जाने की जानकारी हो गई। पकड़े जाने की डर से  उसने साक्ष्य मिटाने के लिए पानीपत टोल प्लाजा के पास ईको स्पोर्ट्स गाड़ी मे पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जिसमें भागवत का भी शव  था, जो आधा जल गया था।

इस कारण बंद किया था घर का ताला 
अजय 31 दिसंबर की सुबह अपने परिवार के साथ करनाल जाने वाले हैं। इसकी जानकारी हिमांशु को भी थी। इसके कारण उसने अजय और स्नेह को कंबल से ढक दिया, जिससे लगे कि वे सो रहे हैं। उनके कमरे को भी बाहर से बंद कर दिया। नीचे आकर ईको स्पोर्टस गाड़ी में शव रखकर बाहर निकला। इसके बाद घर के बाहर भी ताला लगाकर गाड़ी लेकर चला गया।

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और यह बनाया था प्लान
आरोपी का प्लान था कि घर के बाहर ताला और गाड़ी न देख सभी को लगेगा कि अजय पाठक परिवार सहित करनाल चले गए हैं। रात होने पर वह पुनः घर पहुंचकर उन तीनों लाश को गाड़ी में रखकर ले जाएगा और आसानी पानीपत में ठिकाने लगा देगा। शवों को ठिकाने लगाने के बाद अजय के रखे पैसा हाथ साफ कर देगा, लेकिन शाम के समय घटना की जानकारी पुलिस को लग गई। 

बैंक से मिली नोटिस से था परेशान
हिमांशु की माली हालत ठीक नहीं चल रही थी। उसके ऊपर कई लोगों का कर्ज भी हो रहा था। इसके अतिरिक्त उसके बैंक से भी लाखों का लोन ले रखा था, जिसकी किस्त समय से वापस नहीं लौटाने के कारण उसके खिलाफ बैंक से लीगल नोटिस भी जारी हुआ था। इससे वह मानसिक तनाव में रहने लगा था, जिसके चलते वह अजय पाठक से अधिक पारिश्रमिक की मांग करता था, परंतु अजय पाठक उसको केवल मेहनता ही देते थे।

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