
फर्रुखाबाद (Uttar Pradesh). यूपी के फर्रुखाबाद में 23 मासूम बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे की बेटी गौरी की पूरी जिम्मेदारी कानुपर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने ली है। उन्होंने कहा, इस अनाथ बच्ची की मासूमियत देख मेरा दिल पसीज गया। मेरी ख्वाहिश है कि उसे मैं अपनी तरह एक आईपीएस अफसर बनाऊं। मैं बैंक में एक खाता खुलवा रहा हूं, जिसमें हमेशा पैसे डालता रहूंगा, ताकि गौरी की शिक्षा और परवरिश में कोई दिक्कत ना आए। फिलहाल, गौरी फर्रुखाबाद की एक महिला पुलिस कर्मी रजनी के पास रखा गया है। उसकी अच्छी देखभाल हो रही है।
आईजी ने चाहते हैं कोई ऐसा शख्स ले बच्ची को गोद
उन्होंने कहा, गौरी को गोद लेने के लिए देश-विदेश से कई लोगों ने संपर्क किया है। लेकिन हम पूरी जांच और कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बगैर उसे किसी को नहीं देंगे। अगर कोई परिवार उसे गोद लेता भी है तो मैं उसकी परवरिश पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखूंगा। मेरी कोशिश है कि इस बच्ची को पुलिस में कार्यरत कोई दम्पत्ति गोद ले। ताकि उसे बेहतर परवरिश मिल सके।
मां बाप की मौत के बाद अनाथ हुई गौरी
फर्रुखाबाद करथिया गांव के रहने वाले सुभाष बाथम ने 30 जनवरी को बेटी का बर्थडे मनाने के बहाने गांव के 23 बच्चों को घर में बुला बंधक बना लिया था। 12 घंटे से ज्यादा समय तक उसने बच्चों को तहखाने में बंद रखा। एनएसजी कमांडो ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पूरे आपरेशन को अंजाम दिया। इस दौरान मुठभेड़ में सुभाष की मौत हो गई थी। जबकि उसकी पत्नी को ग्रामीणों ने पीट पीटकर घायल कर दिया था, अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पति पत्नी की मौत के बाद एक साल की बेटी गौरी अनाथ हो गई। उसे लेने और देखभाल के लिए कोई भी रिश्तेदार सामने नहीं आया तो पुलिस विभाग ने उसे गोद लेने का फैसला लिया।
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