जौनपुर में धनंजय सिंह अपहरण रंगदारी मामले में वादी अभिनव सिंघल कोर्ट में मुकर गया। अभिनव का कहना है कि न तो धनंजय सिंह ने उससे रंगदारी मांगी न ही उसका अपहरण हुआ। जिसके बाद मामले में दूसरे गवाह सत्य प्रकाश को तलब किया गया है।
जौनपुर: नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण रंगदारी मामले में वादी कोर्ट में मुकर गया। वादी अभिनव सिंघल ने अपर सत्र न्यायाधीश 6 एमपी-एमएलए कोर्ट में बयान दिया कि न तो अपहरण हुआ था न ही उससे रंगदारी मांगी गई थी। वादी का कहना है कि वह अपने मन से पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह के घर पर गया था। जिसके बाद कोर्ट ने मामले में अगले गवाह सत्य प्रकाश को तलब किया है। सत्य प्रकाश को 21 अप्रैल को तलब किया गया है।
ज्ञात हो कि पिछली सुनवाई के दौरान धनंजय और संतोष विक्रम ने आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र दिया था कि वादी पर दबाव डाल एफआईआर को दर्ज करवाया गया था। इसी के साथ उच्च अधिकारियों के दबाव में ही चार्जशीट को भी दाखिल किया गया। वादी ने 164 के दिये बयान में भी घटना का समर्थन नहीं किया। शासकीय अधिवक्ता ने इसको लेकर लिखित आपत्ति दाखिल की। शासकीय अधिवक्ता का तर्क था कि वादी की लिखित शिकायत पर ही एफआईआर हुई।
अभिनव ने कोर्ट में दिया बयान
अभिनव सिंघर ने एमपी एमएलए कोर्ट में बयान देते हुए कहा कि वह अपनी स्वेच्छा से धनंजय सिंह के था न ही उससे किसी भी तरह की रंगदारी की मांग की गई थी। जिसके बाद इस पूरे मामले में पुलिस की विवेचना पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है। कोर्ट ने इस मामले में दूसरे गवाह सत्य प्रकाश को अब तलब किया है। सत्य प्रकाश को 21 अप्रैल को तलब किया गया है।
क्या था पूरा मामला
10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर एफआईआर दर्ज करवाई थी। उनके साथ ही विक्रम पर एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ वादी का अपहरण कर उन्हें पूर्व सांसद के आवास पर ले गए। जहां धनंजय सिंह ने पिस्टल लेकर गालियां देते हुए कम गुणवत्ता की सामग्री की आपूर्ति करने का दवाब बनाया. इसी के साथ इंकार करने पर जान से मारने की धमकी दी और रंगदारी भी मांगी। मामले में एफआईआर दर्ज होने पर धनंजय सिंह की गिरफ्तारी हुई थी।
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