कन्नौज में दो मासूम पढ़ाई के डर से घर छोड़ पहुंची 100 किमी दूर, झूठी कहानी बताकर पुलिस को किया गुमराह

यूपी के कन्नौज जनपद की दो बच्चियां अपना घर छोड़कर भाग गईं ताकि उन्हें स्कूल और पढ़ाई से छुटकारा मिल जाए। इस कदम से न सिर्फ उनके माता-पिता बल्कि पुलिस वाले भी हैरान हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके माता-पिता की मौत हो गई है।

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में दो मासूम बच्चियों ने ऐसा कारनामा किया है जिसे सुनने के बाद कोई भी इस पर आसानी से यकीन नहीं कर पाएगा। इन मासूम बच्चियों ने पढ़ाई के डर से अपना घर छोड़कर भाग गई। जिस उम्र में बच्चे अपने मा-पिता को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ते हैं उस उम्र में ये दोनों अपने माता पिता को छोड़कर अपने घर से 100 किलोमीटर दूर कानपुर चली गईं। ताकि उनको स्कूल नहीं जाना पड़े और पढ़ाई से छुट्टी मिल जाए। बता दें कि यह मामला कन्नौज के गुरसहायगंज क्षेत्र का है। 

मासूमों ने पुलिस को सुनाई झूठी कहानी
गुरसहायगंज की रहने वाली प्रीति की दो मासूम बच्चियां हैं। जिनमें से बड़ी बेटी खुशी 5 साल की और छोटी बेटी रश्मि 3 साल की है। जब कानपुर पुलिस ने इन दोनों बच्चियों को बिना अभिभावक के देखा तो उन्हें लगा कि शायद वह अपने माता-पिता से बिछड़ गई हैं। जिसके बाद पुलिस ने उन दोनों मासूमों से पूछताछ करनी शुरू की। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता मर चुके हैं और वह अकेले अपनी नानी के घर जा रही हैं। वह दोनों अपने चाचा के पास रहती हैं। चाचा उन्हें मारते हैं इसलिए हम भागकर अपनी नानी के घर जा रहे हैं। जब पुलिस ने बच्चियों की फोटो दूसरे थानों में भेजकर हकीकत पता करवाई तो दोनों बच्चियों के झूठ की पोल खुल गई। 

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पढ़ाई के डर से पहुंची कानपुर
पुलिस के अनुसार, बच्चियों के माता-पिता जिंदा हैं और स्कूल न जाने के डर से उन्होंने ऐसा कदम उठाया है। दोनों मासूम के पिता छुट्टन सिंह प्राइवेट बस ड्राइवर है और उनकी मां प्रीति हाउस वाइफ हैं। दोनों दंपत्ति अपनी बेटियों को पढ़ाने का प्रयास करते हैं जिससे परेशान होकर दोनों घर से भाग निकली। जब शनिवार को दोनों से स्कूल जाने के लिए कहा गया तो दोनों घर से निकलकर शाहगंज स्टेशन पहुंच गईं और वहां से ट्रेन में बैठकर सीधे कानपुर आ गईं। दोनों ने पुलिस को बताया था कि उनके पिता की 3 साल पहले और मां की 1 साल पहले मौत हो चुकी है। 

बच्चियों के माता-पिता हैं जिंदा
जब बच्चियों के अकेले होने की सूचना किसी ने सखी पुलिस को दी तो महिला सिपाही कुसुम भदौरिया दोनों को अपने साथ चौकी ले आईं। जहां पर पुलिस को दोनों बच्चियों ने झूठी कहानी बनाकर सुनाई। जब पुलिस ने गुरसहायगंज की पुलिस से मामले की जानकारी करने को कहा तो पता चला कि उनके माता-पिता जिंदा हैं। पढ़ाई के डर से दोनों स्कूल से भाग गई थी। पुलिस ने बच्चियों को उनके माता-पिता को सौंप दिया है। 

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