यहां 20रु में नपुंसक बनाने की दवा लेने को लगती थी कतार, 1 मौत के बाद खुला राज, बाबा बना था 20 साल का शख्स


चिल्ली गांव के लोगों के मुताबिक मनोज बाबा तीन महीने पहले जब यहां आया तो ऐसा लगा जैसे कोई तपस्वी हो। गांव वालों के मुताबिक उसका कहना था कि गांव में वो एक मठ भी बनवाना चाहता था, जिसके लिए वह बड़ी जमीन की तलाश में था।

Ankur Shukla | Published : Mar 11, 2020 12:49 PM IST / Updated: Mar 11 2020, 07:34 PM IST

कानपुर (Uttar Pradesh) । कहते हैं नीम हकीम खतरे जान, लेकिन यह सब जानते हुए भी 20 रुपए में 20 साल के बाबा से हर मर्ज की दवा लेने के लिए लोगों की कतार लगती थी। यौन वर्धक और
नपुंसक बनाने की जड़ी-बूटी लेने के लिए लाइन लगानी पड़ती थी और टोकन लेने वाले को ही दवा मिलती थी,लेकिन अब बाबा की दवा जहर बन गई। उसकी दवा खाने से एक अधेड़ की मौत हो गई, जबकि पांच लोग की हालत बिगड गई। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं, पुलिस ने आरोपी ढोंगी बाबा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

दवा खाने से अधेड़ की मौत, पांच की हालत नाजुक
होली के दिन भी उसके पास गांव के कुछ लोग दवा लेने गए थे। मनोज की दी दवा खाने के बाद चिरली गांव निवासी 52 वर्षीय शिवशरण सिंह, ओम प्रकाश, विमल सिंह परिहार, पिंटू सिंह परिहार, शिवशरण, शिवशंकर की हालत बिगडऩे लगी। इसपर घबराए परिजन सभी को अस्पताल ले गए। इस बीच रास्ते में शिवशरण सिंह (55) की मौत हो गई, जबकि अन्य लोगों को शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं, शरण सिंह के परिजनों की सूचना पर गांव पहुंची पुलिस ने ढोंगी बाबा मनोज व उसके शिष्य जय प्रकाश उर्फ भूरा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।

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किन्नर भी लेकर आते थे युवक
जालौन जिले के थाना कदौरा के गांव इटौरा बावनी निवासी मनोज कुमार नाम का व्यक्ति बीते वर्ष दिसंबर माह गांव चिरली में डेरा डाले था। उसने गांव में रहने वाले जयप्रकाश उर्फ भूरा को शिष्य बनाया। इसके बाद उसकी खेत में झोपड़ी बनाई। झोपड़ी में रहकर उसने जड़ी बूटी दवा बांटकर बीमारियों का इलाज का ढोंग शुरू कर दिया। वह शाम छह बजे से सुबह तीन बजे के बीच ही दवा बांटता था। झोपड़ी के बाहर अक्सर वाहनों से किन्नर भी युवकों को लेकर आते थे, जिन्हें वह नपुंसक बनाने की दवाएं देता था।

मठ बनाने की थी चाह
चिल्ली गांव के लोगों के मुताबिक मनोज बाबा तीन महीने पहले जब यहां आया तो ऐसा लगा जैसे कोई तपस्वी हो। गांव वालों के मुताबिक उसका कहना था कि गांव में वो एक मठ भी बनवाना चाहता था, जिसके लिए वह बड़ी जमीन की तलाश में था।

(प्रतीकात्मक फोटो)

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