इस तरह से साधना गुप्ता के करीब आए थे मुलायम सिंह यादव, काफी चर्चाओं में रही थी दोनों की लव स्टोरी

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का इलाज मेदांता अस्पताल में जारी है। उनके जल्द स्वस्थ्य होने को लेकर कार्यकर्ताओं के द्वारा पूजन हवन किया जा रहा है। मुलायम सिंह और साधना गुप्ता की लव स्टोरी यूपी की राजनीति में काफी चर्चाओं में रही थी। 

Gaurav Shukla | Published : Oct 5, 2022 9:31 AM IST / Updated: Oct 10 2022, 11:41 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजावादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं। मुलायम और साधना गुप्ता की लव स्टोरी काफी समय तक यूपी में चर्चाओं में रही। अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और साधना के रिश्ते का भी जिक्र है। इस किताब में जानकारी दी गई कि है कि मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं। मूर्ति देवी की बीमारी के दौरान साधना गुप्ता उनका ख्याल रखती थी। इसी दौरान मुलायम और साधना गुप्ता का परिचय हुआ और फिर समय के साथ-साथ दोनों एक दूसरे के करीब आते गए। 

साल 2003 में साधना को मिला पत्नी का दर्जा
अखिलेश की बायोग्राफी बदलाव की लहर के अनुसार एक बार इलाज के दौरान एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। हालांकि ऐन वक्त पर वहां मौजूद साधना गुप्ता ने नर्स को रोक दिया। साधना की वजह से ही मुलायम सिंह यादव की मां की जिंदगी बच गई। जैसे ही इस बात की जानकारी नेताजी को हुई तो वह साधना से प्रभावित हो गए। यहीं से दोनों के बीच रिश्ते की शुरुआत हुई और फिर समय के साथ दोनों एक दूसरे के करीब आते चले गए। जब यह सब कुछ हो रहा था उस दौरान अखिलेश स्कूल में स्टूडेंट थे। जब साल 2003 में अखिलेश की मां और मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हुआ तो सार्वजनिक तौर पर मुलायम सिंह ने साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दिया। इस वजह से सपा मुखिया अखिलेश यादव अपने पिता से काफी नाराज भी हुए थे।

सालों तक छुपाकर रखी गई मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता की लव स्टोरी
साल 1982 से लेकर 1988 तक मुलायम सिंह और साधना गुप्ता के बीच क्या चल रहा है इसके बारे में अमर सिंह एकमात्र ऐसे शख्स थे जो जानते थे। उन्हें अच्छे से जानकारी थी कि मुलायम को प्यार हो गया है लेकिन उन्होंने इस बारे में किसी से भी कोई जानकारी साझा नहीं की। अमर सिंह यह कहते भी तो कैसे क्योंकि मुलायम के घर पर उनकी पत्नी मालती देवी और बेटा अखिलेश भी था। हालांकि साल 1988 आया और एक साथ कई चीजों में बदलाव देखने को मिला। इस समय मुलायम मुख्यमंत्री बनने की रेस में थे और साधना भी अपने पति से अलग रहने लगी थी। उस समय उनकी गोद में एक बच्चा भी था। इतना ही नहीं इन सब के बीच मुलायम ने अखिलेश को साधना से मिलवा भी दिया था। 

चुनाव में दाखिल हलफनामे ने खोले कई राज
मुलायम सिंह की जिंदगी में कई सालों तक यह सब कुछ ऐसे ही चल रहा था लेकिन इसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता था। लेकिन इसी बीच मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 2 जुलाई 2005 को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया गया। दायर किए गए इस हलफनामें में सवाल किया गया कि आखिर 1979 में 79 हजार रुपए की संपत्ति वाला समाजवादी करोड़ों की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि मुलायम की जांच की जाए। कोर्ट की ओर से जांच के आदेश के बाद जब 2007 तक पुराने पन्ने खंगाले गए तो सामने आया कि मुलायम की एक और बीवी है और एक बच्चा भी है। यह सब 1994 से है। 1994 में ही प्रतीक गुप्ता ने स्कूल के फॉर्म में परमानेंट रेसिडेंस में मुलायम सिंह यादव का ऑफिशियल एड्रेस लिखा था। मां के नाम के जगह साधना गुप्ता और पिता के नाम के जगह एमएस यादव लिखा था।

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