कानपुर में धर्मांतरण मामले की लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर काकादेव और चौकी प्रभारी निलंबित कर दिया। दोनों पर ही विभागीय जांच होगी। मतांतरण बाल विवाह और एससी-एसटी से जुड़ा प्रकरण होने के बाद भी मुकदमा दर्ज करने में देरी की गई।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में धर्मातरण का मामला सामने आने के बाद हंगामा मचा गया। वहीं इस मामले में चौकी प्रभारी पांडु नगर शेर सिंह और इंस्पेक्टर काकादेव रामकुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। दोनों पर ही घोर लापरवाही बरतने का आरोप है। शहर में धर्मांतरण की घटना के 48 घंटे बाद हंगामा होने के उपरांत आरोरितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सका था। काकादेव थाना क्षेत्र में धर्मांतरण में थाना पुलिस की लापरवाही के चलते कार्रवाई की गई है।
सूचना मिलने के बाद भी पुलिस नहीं हुई सक्रिय
पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना ने बताया कि डीसीपी की रिपोर्ट के आधार पर इंस्पेक्टर काकादेव व चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि कानूनी दृष्टिकोण के अलावा यह प्रकरण सांप्रदायिक रूप से भी काफी गंभीर था। वहीं डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएम मूर्ति ने बताया कि जब ये मामला संज्ञान में आया है कि उसके मुताबिक निकाह 22 अप्रैल 2022 को हुआ था। इलाके में निकाह की भनक तक नहीं लगी। पीड़ित पिता ने पुलिस के पास जाकर नाबालिग बेटे के साथ हुई इस घटना के बारे में बताया लेकिन पुलिस सक्रिय नहीं हुई।
हंगामे के बाद पीड़ित का दर्ज हुआ था मुकदमा
पीड़ित परिवार ने बताया कि उनका बेटा नाबालिग है। सोमवार को जब हंगामा हुआ उसके बाद देर रात 11.11 बजे पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ अपहरण (आइपीसी की धारा 363), धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 और 5 (1) और बाल विवाह निषेध अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया। इससे कानून व्यवस्था भी खराब हो सकती थी। संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि दोनों निलंबित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच करवाई जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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