इरफान सोलंकी ने सरेंडर से पहले की BJP नेता से मुलाकात, फिर बदला प्लान, जानें क्यों कानपुर पुलिस की हुई किरकिरी

सपा विधायक इऱफान सोलंकी के नाटकीय सरेंडर के कारण कानपुर पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है। बता दें कि सपा विधायक का सरेंडर योजना के तहत हुआ है। सरेंडर करने से पहले सपा विधायक ने भाजपा नेता से मुलाकात की थी।

कानपुर: सपा विधायक इरफान सोलंकी को गिरफ्तार करने के मामले में नाकाम रही कानपुर पुलिस की खूब किरकिरी हुई। सपा विधायक का लावलश्कर के साथ पुलिस कमिश्नर के बंगले पर जाकर वहां बराबरी में बैठना भी चर्चा का विषय बना रहा। बताया जा रहा है कि इरफान सोलंकी ने सरेंडर करने से पहले बीजेपी नेता से मुलाकात की थी। बनाई गई योजना के अनुसार, विधायक को अकेले जाकर सरेंडर करना था। लेकिन वह काफिला लेकर पुलिस कमिश्नर के आवास पहुंचे थे। बता दें कि सपा विधायक और उनका भाई रिजवान करीब 30 दिनों तक फरार थे। लेकिन इस दौरान वह भाजपा नेता और अपने वकील के संपर्क में थे। 

सरेंडर के दौरान किया फेसबुक लाइव 
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को इरफान सोलंकी की सीधे पुलिस दफ्तर जाने की योजना थी। जिसके बाद यहीं से उनकी गिरफ्तारी होनी थी। लेकिन उनके साथ समर्थकों के आने की बात नहीं तय हुई थी। इसीलिए कुछ पुलिस उनके घर के बाहर भी तैनात की गई थी। लेकिन तय योजना के उलट इरफान पहले भाजपा नेता से मुलाकात करने उनके घर गए और फिर अपने साथी विधायकों से भी मिले। सभी एक जगह पर एकत्र होकर सीधे पुलिस कमिश्नर के आवास पहुंचे। बता दें कि इस दौरान फेसबुक पर लाइव वीडियो भी चलाया गया।

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पुलिस के पास नहीं थी रिजवान की जानकारी
जहां पुलिस का पूरा ध्यान इरफान सोलंकी को गिरफ्तार करने पर लगा हुआ था। क्योंकि सरेंडर की बात केवल इरफान की हुई थी। वहीं पुलिस के पास रिजवान को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन सरेंडर करने के दौरान इरफान के साथ रिजवान भी पहुंचे थी। दोनों भाइयों के फरार होने के दौरान पुलिस को इस बात की भी जानकारी नहीं थी कि रिजवान अपने भाई इरफान के साथ है या नहीं। इसके अलावा ग्वालटोली में दर्ज किए गए केस में नामजद तीन आरोपी फरार हैं। जिसमें नूरी शौकत का भाई और रिश्तेदार भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि बीते शनिवार को ये दोनों आरोपी सरेंडर करने के फिराक में थे। लेकिन पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी नहीं की है। 

पुराने आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस
पुलिस पहले दोनों आरोपियों के बारे में साक्ष्य एकत्र करना चाहती है। इसके बाद दोनों की गिरफ्तारी करना चाहती है। वहीं पुलिस सपा विधायक और उनके भाई के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है। बता दें कि इरफान पर 11 व रिजवान पर चार केस दर्ज किए गए हैं। वहीं उन्नाव में रिजवान भूमाफिया चिह्नित है। वहीं सपा विधायक पर दो गंभीर मामले दर्ज हैं। उन्नाव में रिजवान पर धोखाधड़ी, लोक संपत्ति निवारण अधिनियम का एक केस व दूसरा बलवा, मारपीट, हत्या के प्रयास का केस दर्ज है। इस सभी केसों की फाइलें फिर से खोली जाएंगी। वहीं पाए गए साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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