ज्ञानवापी मामले में सर्वे का आदेश देने वाले जज को जान से मारने की मिली धमकी, सुरक्षा के लिए मिले 10 जवान

यूपी के काशी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में परिसर का सर्वे करने का आदेश देने वाले सिविल जज रवि दिवाकर को जान से मारने का धमकी भरा पत्र मिला है। जिसके बाद से सिविल जज की सुरक्षा के लिए नौ पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। साथ ही जिला जज एके विश्वेशा की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के जिले वाराणसी में स्थिति ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश देने वाले सिविल जज को जान से मारने की धमकी मिली है। ज्ञानवापी प्रकरण में सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही का आदेश देने वाले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को  इस्लामिक आगाज मूवमेंट की ओर से यह धमकी रजिस्टर्ड डाक से भेजी गई है। जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है। इसके बाद वाराणसी पुलिस ने सिविल जज के साथ जिला जज एके विश्वेशा की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। साथ ही सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर लखनऊ और वाराणसी के आवास की सुरक्षा के लिए नौ अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।

सिविल जज को मिले पत्र में यह लिखा
पुलिस के अनुसार सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की सुरक्षा में नौ पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। वहीं, वाराणसी जिला जज की सुरक्षा का जिम्‍मा 10 पुलिसकर्मियों पर रहेगा। दोनों जजों की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने दिया है। सिविल जज रवि कुमार दिवाकर के पास मंगलवार को रजिस्टर्ड पत्र उनके पास इस्लामिक आगाज मूवमेंट, नई दिल्ली के नाम से आया है। उसमें लिखा है कि अब न्यायाधीश भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं। फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनसे जुड़े संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं। आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं। आपको सरकारी मशीनरी मिली है, फिर आपकी पत्नी व मां को डर कैसा है? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रूख देखकर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो मूर्तिपूजक हैं। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे। कोई भी काफिर मूर्तिपूजक हिंदू न्यायाधीश से मुसलमान सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता।

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डीसीपी वरुण कर रहे मामले की जांच
बता दें कि वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि साधारण केस में भी डर का माहौल बनाया गया। यह डर इतना है कि मेरे परिवार को मेरी और मुझे अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता रहती है। मेरे घर से बाहर होने पर बार-बार पत्नी मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित रहती है। मां ने भी मेरी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी जब उन्हें पता चला था कि मैं कमिश्नर के रुप में ज्ञानवापी जा रहा हूं। वहां मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। रवि कुमार को लेटर मिलने के बाद इस संबंध में राज्य के प्रमुख गृह सचिव को लेटर के माध्यम से सूचित करने के साथ धमकी के कागजात भी भेजे थे। जिसके बाद प्रशासनिक और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और आला अधिकारी मामले की जांच में लग गए। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि यह लेटर कहां से भेजा गया है। वहीं वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने कहा कि मंगलवार को दिन में सिविल जज रवि कुमार दिवाकर को एक पत्र रजिस्टर्ड पोस्ट से मिला है, जिसमें कुछ और कागज भी संलग्न हैं। इस मामले की जांच डीसीपी वरुण खुद कर रहे हैं। इस संबंध में और जानकारी पूरी जांच के बाद ही दी जा सकेगी।

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