बिकरू पंचायत भवन पर था गैंगस्टर विकास दुबे का कब्जा, 22 माह बाद खुला ताला तो सामने दिखा ऐसा नजारा

बहुचर्चित बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे का खौफ अभी भी बरकरार है। बिकरू के पंचायत भवन पर उसके कब्जे को लेकर प्रधान ने पत्र लिखा। इस भवन को जब खाली करवाया गया तो यहां 653 बोरे अनाज बरामद हुआ। 

Gaurav Shukla | Published : May 20, 2022 3:58 AM IST

कानपुर: बहुचर्चित बिकरू कांड के बाद इनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे की कोठी के पास बने पुराने पंचायत भवन में 653 बोरे अनाज मिला है। यह भवन विकास दुबे के द्वारा अपनी प्रधानी के दौरान बनवाया गया था। यहां खेतों से गेहूं लाकर भरवा दिया जाता था। विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद भी इस कमरे में वह गेहूं रखा हुआ था। पंचायत भवन के दरवाजे पर विकास दुबे ने ताला लगाया था। इस भवन को खुलवाने को लेकर ग्राम प्रधान मधु कमल ने डीएम को शिकायती पत्र भेजकर पंचायत भवन को खाली कराने की मांग की थी। मौजूदा समय में मधु देवी बिकरू गांव की प्रधान हैं। 

22 माह बाद भी पंचायत भवन पर कब्जा

गौरतलब है कि बिकरू कांड के बाद गैंगस्टर विकास दुबे का खात्मा एनकाउंटर में हो चुका है। हालांकि इसके 22 माह बाद भी उसका खौफ गांव में जिंदा है। गांव वाले बताते हैं कि उसका कब्जा पंचायत भवन पर था। खेतों से आने के बाद अनाज को इसी पंचायत भवन में रखवाया जाता था। कांड के बाद तहसील प्रशासन ने कमरों से गेहूं और चावल के तकरीबन 653 बोरों को कब्जे में लिया था इसे एक कमरे में रखवाकर ताला बंद कराया गया था। हालांकि उसे बाद में देखने कोई भी नहीं आया। लिहाजा कमरे में रखे अनाज में दीमक लगने से वह पूरी तरह से खराब हो गया। 

यूपी लाने के दौरान हुआ था विकास का एनकाउंटर

ज्ञात हो कि 2 जुलाई 2020 को कानपुर में बहुचर्चित बिकरू कांड हुआ था। इस कांड में विकास दुबे और उसके गुर्गों को पकड़ने के लिए गई टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। मुठभेड़ के दौरान 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने विकास दुबे और उसके साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। विकास दुबे का एनकाउंटर उस दौरान किया गया था जब उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़े जाने के बाद यूपी लाया जा रहा था। कथितरूप से फरार होने के दौरान पुलिस की गोलियों का शिकार होने की वजह से उसकी मौत हुई थी। 

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