Kanpur MMS Case: छात्राओं ने आरोपी रिषि को रंगे हाथ पकड़ा था वीडियो बनाते, आखिर पुलिस ने क्यों डिलीट किए क्लिप

यूपी के जिले कानपुर में लड़कियों के नहाने का वीडियो बनाने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी रिषि को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बावजूद छात्राओं का आरोप है कि पुलिस ने वीडियो क्लिप डिलीट क्यों किया है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि छात्राओं के द्वारा आरोप सही है या गलत। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 30, 2022 1:17 PM IST

कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में एक हॉस्टल की लड़कियों का नहाते हुए वीडियो बनाने के मामले में राज्य की पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है। महज 24 घंटे के अंदर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस की टीम ने शुक्रवार को हॉस्टल के केयर टेकर मनोज पांडेय और वार्डन सीमा पाल को गिरफ्तार किया है। इससे पहले ही पुलिस मुख्य आरोपी रिषि को गिरफ्तार कर चुकी थी। फिलहाल इस प्रकरण के सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है। हॉस्टल में लड़कियों के नहाने का वीडियो बनाने वाले मामले में अब तक कई खुलासे हो चुके हैं।

जांच के बाद छात्राओं द्वारा आरोपों का चलेगा पता
एक तरफ ने पुलिस ने सभी आरोपियों को तत्काल कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया तो वहीं दूसरी ओर हॉस्टल की छात्राओं ने आरोप लगाया है कि रावतपुर पुलिस ने रिषि के मोबाइल फोन से वो वीडियो क्लिप डिलीट कर दिए हैं। हॉस्टल की छात्राओं द्वारा लगाए जा रहे गंभीर आरोप जांच में ही साफ होंगे की फोन से वीडियो डिलीट किया गया हैं या नहीं। इस घटना से आहत छात्राओं ने गुरुवार को थाने में जमकर हंगामा भी किया था। इसके अलावा इस मामले में खुलासा हुआ कि काकादेव इलाके के जिस मकान में गर्ल्स हॉस्टल संचालित हो रहा था उसका मकान मालिक कोई और था। हालांकि मकान के बाहर एक एसपी की नेम प्लेट लगी हुई थी। जिस एसपी के नाम की नेम प्लेट लगी हुई थी वह बुलंदशहर में तैनात हैं। मामले की जांच में रावतपुर पुलिस लगी हुई है।

सोमानी परिवार के पास है गर्ल्स हॉस्टल का मालिकाना हक
दरअसल साईं निवास गर्ल्स हॉस्टल का मालिकाना हक सोमानी परिवार के पास है। जिनसे हॉस्टल के संचालक मनोज पांडेय ने उक्त परिसर किराए पर अनुबंध के साथ लिया था। छात्रावास का संचालन वहीं कर रहा था। पुलिस की जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण दिखने के लिए सोमानी परिवार द्वारा अपने परिचित पुलिस अधिकारी की नेम प्लेट को गलत तरीके से लगाया गया था, जो कि नियमों के विपरीत एवं संबंधों का दुरुपयोग है। इसको लेकर भी संबंधित पुलिस अधिकारियों से बात की जा रही है। अगर कोई शिकायत मिलती है तो उस पर भी पुलिस द्वारा विधिवक कार्रवाई की जाएगी।

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