यूपी के कानपुर में सीवर टैंक की शटरिंग खोलने उतरे तीन मजदूरों की गैस चपेट में आने से मौत हो गई। मजदूरों की मौत से परिवार में मातम पसर गया। मामले की सूचना मिलने पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिठूर थाना क्षेत्र में एक बड़ा हादसा सामने आया है। चकरतनपुर नई बस्ती में रविवार दोपहर बाद निर्माणीधीन मकान में सीवर टैंक की शटरिंग खोलने उतरे तीन मजदूरों की मौत हो गई। बता दें कि इस मजदूरों की मौत गैस की चपेट में आने से हुई है। जिसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस को मामले की सूचना दी। बिठूर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभाला। रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए तीनों मजदूरों को बाहर निकला गया। इसके बाद आनन-फानन में इलाज के लिए उन्हें एलएलआर अस्पताल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने तीनों मजदूरों को मृत घोषित कर दिया।
शटरिंग खोलने उतरे थे मजदूर
प्राप्त जानकारी के अनुसार, काकादेव निवासी प्रदीप मिश्रा बिठूर थाना क्षेत्र के चकरतनपुर नई बस्ती में अपना मकान बनवा रहे हैं। मकान बनाने का काम पिछले पांच महीनों से बंद है। प्रदीप मिश्रा ने बताया कि पांच महीने पहले सीवर टैंक की छत शटरिंग लगाकर ढाल दी गई थी। वहीं चौबेपुर थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के रहने वाले मातादीन की शटरिंग सीवर के चक्कर में लगी हुई थी। इसी शटरिंग को खोलने के लिए मातादीन के दो बेटे 18 साल का नंदू और 25 साल का मोहित और 16 साल का किशोर साहिल आए थे। स्थानीय लोगों ने मामले की जानकारी देते हु्ए बताया कि सबसे पहले साहिल सीवर के चैंबर में उतरा था।
गैस की चपेट में आने से तीनों मजदूरों की मौत
इस दौरान वह अंदर बेहोश हो गया। जिसके बाद नंदू नीचे उतरा तो वह भी बेहोश हो गया। दोनों को बेहोश देश मोहित भी शिविर के चैंबर में उतर गया और वह भी बेहोश हो गया। इसके बाद जब आसपास के लोगों ने तीनों को बाहर नहीं देखा तो उन्होंने चैंबर के अंदर जाकर देखा तो पाया कि तीनों अंदर बेहोशी की हालत में पड़े हुए हैं। यह देख अनुराग ने शोर मचाना शुरूकर दिया। वहीं पड़ोसियों ने तीनों मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास करने लगे। हैमर मशीन के जरिए चैंबर की दीवार तोड़ी जाने लगी। इसी दौरान पुलिस और फायर ब्रिगेड के टीम मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद चैंबर की दीवार को तोड़ कर तीनों मजदूरों को बाहर निकाला गया।