Kashi Vishwanath corridor: जानिए PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट से जुड़ी पूरी कहानी

Published : Dec 13, 2021, 11:20 AM ISTUpdated : Dec 13, 2021, 11:24 AM IST
Kashi Vishwanath corridor: जानिए PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट से जुड़ी पूरी कहानी

सार

काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे खास ड्रीम प्रोजेक्ट था। इसे मूर्त रूप देने के लिए योगी सरकार कैबिनेट की 9 बैठकें अलग अलग समय पर कीं। इन्हीं बैठकों में परियोजना के विभिन्न चरणों को मंजूरी दिलाई गई। चार सितंबर 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक में मंदिर विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण योजना के तहत खरीदी जाने वाली भूमि व भवनों में सेवाइत संपत्तियों के विनिमय के लिए नीति का निर्धारण किया गया।

वाराणसी: यूपी में सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का उद्घाटन होना है। उद्घाटन से पहले काशी (Kashi) की तैयारियां तो पूरी कर ली ही गई हैं। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) भी काशी पहुंच चुके हैं। लेकिन इन सबके बीच प्रधानमंत्री मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट (PM Modi Dream Project) से जुड़ी पूरी कहानी क्या है, यह जानना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath dream project) विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे खास ड्रीम प्रोजेक्ट था। इसे मूर्त रूप देने के लिए योगी सरकार (yogi government) कैबिनेट की 9 बैठकें अलग अलग समय पर कीं। इन्हीं बैठकों में परियोजना के विभिन्न चरणों को मंजूरी दिलाई गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के इस महत्वाकांक्षी परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोई कसर नहीं छोड़ी। 

धर्मार्थ कार्य विभाग के माध्यम से इस योजना को जमीन उतारने की शुरुआत 19 जून 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक से हुई। इसी बैठक में श्री काशी विशिष्ट क्षेत्र विकास प्राधिकरण वाराणसी अध्यादेश 2018 को मंजूरी दी गई, जिसके जरिए उसका नाम श्री काशी विश्वनाथ क्षेत्र विकास परिषद रखा गया। इसके बाद चार सितंबर 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक में मंदिर विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण योजना के तहत खरीदी जाने वाली भूमि व भवनों में सेवाइत संपत्तियों के विनिमय के लिए नीति का निर्धारण किया गया। इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरा कराने में धर्मार्थ कार्य विभाग व गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की भी अहम भूमिका रही।

प्रदेश सरकार ने 13 नवंबर 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक में मंदिर विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण योजना के तहत कुल भूमि व भवन खरीद से संबंधित 296 प्रस्तावों को मंजूरी दी। ये प्रस्ताव विस्तारीकरण के लिए बहुत ही आवश्यक थे। पहली अक्तूबर 2019 को हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में योजना के कार्यों के संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जो लगभग 318.67 करोड़ रुपये के थे। प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की 22 अक्तूबर 2019 की बैठक में वाराणसी के लाहौरी टोला स्थित निर्मल मठ के अधिग्रहण तथा 19 नवंबर 2019 की कैबिनेट बैठक में 296 भवनों की खरीद एवं ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी। 

कैबिनेट ने मंदिर विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण योजना के के द्वितीय चरण के लिए ड्राइंग व डिजाइन में वांछित परिवर्तन के लिए मंडलायुक्त वाराणसी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का फैसला किया। यह बैठक 29 जून 2020 को हुई थी। इसी तरह 25 जून 2021 को हुई कैबिनेट की बैठक में योजना के तहत भवन संख्या सीके-38/12, 13 व 14 को खरीदे जाने और जायदाद वक्फी प्लाट का विनिमय किए जाने का फैसला किया गया।

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