पंचायत का फरमान: कपल को गौमूत्र और गोबर का करना होगा सेवन, तभी समाज में होगी Entry

यूपी के झांसी में खाप पंचायत ने लव मैरिज करने वाले कपल को अजीबोगरीब फरमान सुनाया है। बताया जा रहा है कि प्रेमी जोड़े ने 5 साल पहले परिवार की सहमति से शादी की थी। जिसमें दोनों परिवार के लोग शामिल हुए थे। फिलहाल, पुलिस ने तुगलकी फरमान सुनाने वाले पंचों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 8, 2020 7:59 AM IST / Updated: Feb 08 2020, 02:12 PM IST

झांसी (Uttar Pradesh). यूपी के झांसी में खाप पंचायत ने लव मैरिज करने वाले कपल को अजीबोगरीब फरमान सुनाया है। बताया जा रहा है कि प्रेमी जोड़े ने 5 साल पहले परिवार की सहमति से शादी की थी। जिसमें दोनों परिवार के लोग शामिल हुए थे। फिलहाल, पुलिस ने तुगलकी फरमान सुनाने वाले पंचों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

क्या है पूरा मामला
मामला शहर के एक गांव का है। यहां रहने वाले भूपेश पेशे से प्रापर्टी डीलर हैं। उन्होंने कहा, 30 जून 2015 को मैंने शहर की एक लड़की से लव मैरिज की थी। हम अलग अलग बिरादरी से हैं, लेकिन हमारी फैमिली को इससे कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन शादी के बाद से ही पंचायत ने पूरे परिवार को बहिष्कार कर दिया। जनवरी 2019 में मेरी बहन की शादी थी, उसमें भी समाज ने शामिल न होने का ऐलान कर दिया। यही नहीं, एक बार मां को लोगों ने भागवत कथा से दूर कर दिया था। 

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पंचायत ने सुनाया ये तुगलकी फरमान
भूपेश ने कहा, पिता ने पंचों को समझाने की कोशिश तो पंचायत ने फरमान सुनाया कि मुझे और पत्नी को गोमूत्र और गोबर का सेवन करना पड़ेगा। यही नहीं, पांच लाख रुपये दंड के तौर पर देना होगा। तभी वो हमें समाज में शामिल करेंगे। मैंने इसकी शिकायत डीएम शिवसहाय से की। जिसके बाद कार्रवाई की गई। 

लव मैरिज के बाद पत्नी ने कही ये बात
वहीं, भूपेश की पत्नी ने कहा, हमारी शादी से परिवार ही नहीं सभी रिश्तेदार भी खुश हैं। सभी ने हमें आशीर्वाद भी दिया। लेकिन ये समाज के लोग हमें स्वीकार नहीं कर रहे। मैं एक कॉलेज में जॉब करती हूं। समाज के लोगों को मेरे नौकरी करने और मेरे पहनावे पर भी आ​पत्ति होती है। मैं कभी गोबर और गौमूत्र का सेवन नहीं करूंगी।

अफसरों का क्या है कहना
डीएम शिवसहाय अवस्थी ने बताया, जानकारी मिलते ही नगर मजिस्ट्रेट सलिल कुमार पटेल और सीओ सिटी संग्राम सिंह के साथ टीम मौके पर पहुंची। पंचों को चेतावनी दी गई कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कोई भी पंचायत किसी इस तरह का दंड नहीं दे सकती। मामले में पंचायत में शामिल आधा दर्जन लोगों का शांति भंग में चालान भी काटा गया है।

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