
अयोध्या (Uttar Pradesh). भारत और साउथ कोरिया के बीच रिश्तों को मजबूत करने की कोशिशें लगातार जारी है। इसी क्रम में अब धार्मिक नगरी अयोध्या में एक कोरियन लैंग्वेज की एकडमी खुलेगी। इसके लिए साउथ कोरिया के राजदूत के माध्यम से बातचीत चल रही है। बता दें, चीन की कुछ ऐतिहासिक किताबों में ये वर्णन भी है कि कोरिया का अयोध्या से मजबूत कनेक्शन है।
जानें क्या है अयोध्या से साउथ कोरिया का संबंध
दरअसल, साउथ कोरिया के लोगों का मानना है कि 2 हजार साल पहले अयोध्या को अयुता नाम से जाना जाता था। उस समय अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत के किमहये शहर आई थीं। यहां उनका विवाह कोरिया के कारक वंशी राजा किम सोरो से हो गया, जिसके बाद वह कोरिया की महारानी बन गईं। विवाह के बाद उनका नाम हु ह्वांग ओक रख दिया गया। कहते हैं कि जिस वक्त राजकुमारी का विवाह हुआ, उस वक्त वो 16 साल की थीं। इसके बाद वह कभी अयोध्या नहीं लौटीं। एक लोकप्रिय दक्षिण कोरियाई किताब, समगुक युसा में इसकी कई ऐतिहासिक कहानियों और तथ्यों का जिक्र हैं।
सपने में राजा को भगवान ने दिया था आदेश
चीनी भाषा में मौजूद कई प्राचीनतम किताबों में इस बात का जिक्र है कि अयोध्या के राजा के सपने में भगवान ने निर्देश दिया कि वह अपनी पुत्री को साउथ कोरिया के राजा किम सूरो से विवाह करने के लिए भेजें। जिसके बाद राजा ने अपनी 16 साल की बेटी सुरीरत्ना को राजा किम सूरो से विवाह करने के लिए किममये शहर भेज दिया। यहीं से करक वंश की शुरुआत हुई। किम ब्यूंग-मो नाम के एक मानवविज्ञानी लिखा था कि वास्तव में 'अयुता' ही अयोध्या है। क्योंकि दोनों नामों के उच्चारण में भी काफी समानता है। हालांकि इसे लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है।
सरयू नदी के किनारे बना है महारानी ओक का स्मारक
सरयू नदी के किनारे साउथ कोरिया की महारानी हु ह्वांग ओक का स्मारक बना है। ये स्थान कुछ दक्षिण कोरियाई लोगों के लिए खासा महत्व रखता है। यही कारण है कि बीते साल दीपावाली पर साउथ कोरिया की फर्स्ट लेडी किम जोंग-सूक अयोध्या आई थीं। इस दौरान उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ कारक वंश के पहले राजा की भारतीय पत्नी हु-ह्वांग-ओक के नाम पर बने स्मारक और पार्क का शिलान्यास किया था।
अवध विश्विद्यालय देगा कोरियन लैंग्वेज एकडमी के लिए जमीन
अवध विश्विद्यालय के वीसी आचार्य मनोज दीक्षित ने बताया कि साउथ कोरिया के ब्रांड अम्बेस्डर से बात करके कोरियन लैंग्वेज एकडमी की स्थापना के लिए बात आगे बढ़ाई जा रही है। इसके लिए जमीन विश्विद्यालय कैंपस में दी जाएगी। हांलाकि अभी उस ओर से कोई जवाब नहीं आया है। कोरियन लैंग्वेज एकडमी खुलने से दोनों देशों संबंधों में भी मजबूती आएगी।
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