लखीमपुर में दुष्कर्म का प्रयास और जानलेवा हमला करने के मामले में आरोपियों को बचाने की कोशिश करने वाले चौकी इंचार्ज को SP ने सस्पेंड कर दिया है। वहीं इस घटना के दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
लखीमपुर: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में युवती से दुष्कर्म का प्रयास और जानलेवा हमला करने के मामले में आरोपियों को बचाने वाले चौकी इंचार्ज के खिलाफ एसपी संजीव सुमन ने कड़ा एक्शन लिया है। एसपी संजीव सुमन ने चौकी इंजार्ज को सस्पेंड कर दिया है। चौकी इंचार्ज पर पीड़िता की मां ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वह आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए आरोपियों के खिलाफ मामले पर उचित धाराएं ना लगाते हुए उन पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।
SP ने दरोगा को किया सस्पेंड
इसी मामले पर कार्रवाई करते हुए बिजुआ चौकी प्रभारी सुनील कुमार को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं पुलिस ने इस घटना के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि पीड़िता की शुक्रवार को मौत हो गई। मौत के बाद यह मामला इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। अब इस मामले पर संज्ञान लेते हुए चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया। एसपी संजीव सुमन ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह को सौंपी गई है।
आरोपियों ने युवती से किया था दुष्कर्म का प्रयास
भीरा के एक गांव में युवती को घर में अकेला देख दो युवकों ने उसके घर में घुसकर दुष्कर्म का प्रयास किया। जिस पर युवती ने उन पर ईंट से प्रहार कर दिया। ईंट से हमले के दौरान एक युवक गायल हो गया। घायल होने पर युवकों ने पीड़िता पर हंसिया से जानलेवा हमला कर दिया। जिससे पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके बाद पीड़िता को इलाज के लिए फौरन जिला अस्पताल लखीमपुर ले गए और मामले की जानकारी पुलिस को दी। वहीं युवती की हालत गंभीर होते देख परिजनों ने उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया था।
इलाज के दौरान पीड़िता की हुई मौत
परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण परिवारजन पीड़िता को वापस घर ले आए। वहीं बीते शुक्रवार को युवती की हालत फिर से बिगड़ने लगी तो घरवाले उसे लेकर लखीमपुर जा रहे थे। लेकिन बारिश में वाहन ना मिल पाने के कारण उसे बिजुआ सीएचसी में ले आए। युवती के हालत में सुधार होने के बाद उसे वापस घर ले जाया जा रहा था कि इसी दौरान पीड़िता ने दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस इस घटना को आत्महत्या बता कर मामले को दबाने और दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने का प्रयास कर रही थी।