
लखनऊ (Uttar Pradesh). राजधानी लखनऊ में मंगलवार रात दबंगों ने पहले वकील को बुरी तरह पीटा, फिर गले में चाकू घोंप उसकी हत्या कर दी। पुलिस जहां घटना के पीछे पुरानी रंजिश मान रही है। वहीं, मृतक के पिता ने गांजा तस्करी से जुड़े लोगों पर हत्या का शक जाहिर किया है। घटना के बाद से साथी वकीलों में काफी गुस्सा है। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में शव रखकर प्रदर्शन किया। इस बीच प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कलेक्ट्रेट जाकर वकीलों से मुलाकात की। मामले में लापरवाही के आरोप में कृष्णा नगर के इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। डीएम ने विवेकाधीन कोष से शिशिर के परिजनों को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी है। साथ ही हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई गई हैं। 24 घंटे में हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला
कृष्णानगर इलाके के दामोदरनगर के रहने वाले शिशिर त्रिपाठी पेशे से वकील थे। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार रात शिशिर अपने घर लौट रहे थे। दामोदर नगर चौराहे विनायक नाम के शख्स ने अपने चार साथियों के साथ उन्हें रोक लिया। विनायक और शिशिर में किसी पुराने मामले को लेकर बहस होने लगी। इस पर पांचों ने वकील पर हमला बोल दिया। बेरहमी से पीटने के बद चाकू मार दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने हत्याकांड में आरोपी विनायक ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश में छापेमारी की जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि विनायक और एक अन्य नामजद वकील मोनू के साथ शिशिर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता थे। कुछ समय से इनमें किसी बात को लेकर अनबन चल रही थी।
मृतक के पिता ने कही ये बात
मृतक के पिता गोपीचंद्र त्रिपाठी ने कहा- शाम पांच बजे एक लड़का बेटे को अपने साथ ले गया था। उसके बाद वह घर नहीं लौटा। उसकी हत्या की सूचना मिली। उन्होंने मोनू नाम के शख्स पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा, मोनू गांजा बेचता है। उसने उधार लिया था। लेन देन के कारण विवाद हुआ था।
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