वकीलों ने कोर्ट फीस में हुई वृद्धि को वापस लेने की मांग करते हुए शुक्रवार को बागपत के बड़ौत तहसील में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी दिया है। राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर अदालतों से ली जाने वाली सत्य प्रतिलिपि के लिए कोर्ट फीस में दस गुना बढ़ोत्तरी किए जाने से अधिवक्ताओं में रोष है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले बागपत की बड़ौत तहसील में अधिवक्ताओं में रोष है। राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर अदालतों से ली जाने वाली सत्य प्रतिलिपि के लिए कोर्ट फीस में दस गुना बढ़ोत्तरी किए जाने से अधिवक्ताओं में रोष है। इसी कारणवश तहसील में प्रदर्शन किया।
वकीलों ने कोर्ट फीस में हुई वृद्धि को वापस लेने की मांग करते हुए शुक्रवार बागपत के बड़ौत तहसील में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी दिया है। फीस में हुई बढ़ोत्तरी के चलते यह मांग करते हुए वकीलों ने प्रदर्शन किया है और ज्ञापन सीएम को संबोधित दिया है।
अदालतों ने नई गाइडलाइन की जारी
बता दें कि रेवेन्यू बार एसोसिएशन के बैनर तले शुक्रवार यानी आठ अप्रैल को अधिवक्ताओं ने बड़ौत तहसील में जुलूस निकाल प्रदर्शन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है। वकीलों का कहना था कि हाईकोर्ट के नोटिफिकेशन के बाद प्रदेश की अदालतों में नई कोर्ट फीस लागू करने के लिए गाइडलाइन जारी की है।
प्रतिलिपियों पर निर्धारित है इतने रुपए
नोटिफिकेशन के अनुसार हाईकोर्ट ने दिवानी मामलों में सत्य प्रतिलिपि पर सामान्य प्रतिलिपि के लिए पांच रुपए के स्थान पर पचास रुपए व आवश्यक प्रतिलिपि के लिए दस रुपए के स्थान पर सौ रुपए निर्धारित किए हैं। अभिलेख निरीक्षण के लिए पांच रुपए के स्थान पर पचास रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है।
कोर्ट की फीस से चिंता व आपत्ति जताई
फौजदारी के मामले में सामान्य प्रतिलिपि के लिए पांच रुपए के स्थान दस रुपए व अर्जेंट प्रतिलिपि के लिए दस रुपए के स्थान पर बीस रुपए शुल्क निर्धारित किया है। जिला जज ने इस बारे में नई कोर्ट फीस के अनुसार कोर्ट फीस लेने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। रेवेन्यू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आनन्दपाल तोमर ने बढ़ी कोर्ट फीस से चिंता व आपत्ति जताते हुए वादकारियों के हित में कोर्ट फीस में की गई बढ़ोतरी को समाप्त करने की मांग की है।
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