लॉकअप खोलने से डरते हैं थानेदार,कारण जानकर हो जाएंगे हैरान

कुछ थानेदारों ने इक्का-दुक्का अभियुक्तों को बंद किया। संयोग से उनमें से किसी ने हाथ की नस काट ली तो किसी ने गर्दन पर हमला कर खुदकुशी की कोशिश की। ऐसी पांच घटनाओं के बाद जो भी थानेदार आया, किस्से सुनने पर यही कहा कि लॉकअप में किसी को बंद नहीं किया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : May 31, 2020 11:59 AM IST

गोरखपुर (Uttar Pradesh) । भूत का तो पता नहीं। लेकिन, शाहपुर थाने में जब भी लॉकअप का इस्तेमाल हुआ बड़ा अपशगुन हुआ। इस कारण लॉकअप का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया गया। स्थिति यह है कि यग लॉकअप वर्षों से खाली है। हालांकि काम चलाने के लिए थानेदार के ऑफिस को ही लॉकअप बना दिया गया है।

यह है पूरी कहानी
बात 11 साल पहले की है। शाहपुर क्षेत्र के सुनील साहनी को लॉकअप में बंद किया गया था। अगली सुबह उसका शव कुसम्ही जंगल में मिला था। तब, सुनील के परिजनों ने थाने में जमकर बवाल किया। गुस्साई भीड़ ने असुरन पुलिस चौकी फूंक दी। आरोप था कि चोरी के आरोप में पकड़े गए सुनील को पुलिस ने बेरहमी से पीटा जिससे उसकी मौत हो गई। फिर शव को कुसुम्ही जंगल में फेंक दिया। मामले में तत्कालीन थानेदार श्रीप्रकाश गुप्ता सहित कई निलंबित किए गए। इसके बाद से लॉकअप को अशुभ मान लिया गया।

अब लॉकअप में नहीं होता कोई बंद
कुछ थानेदारों ने इक्का-दुक्का अभियुक्तों को बंद किया। संयोग से उनमें से किसी ने हाथ की नस काट ली तो किसी ने गर्दन पर हमला कर खुदकुशी की कोशिश की। ऐसी पांच घटनाओं के बाद जो भी थानेदार आया, किस्से सुनने पर यही कहा कि लॉकअप में किसी को बंद नहीं किया जाएगा।
 

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