यूपी में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का बुधवार से दो दिवसीय अधिवेशन शुरू होने जा रहा है। पहले दिन यानि कि बुधवार को प्रान्तीय अधिवेशन और गुरूवार को राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। ऐसे में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का तीसरी बार पार्टी प्रमुख बनना तय है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार से समाजवादी पार्टी का दो दिवसीय अधिवेशन शुरू होने जा रहा है। पहले दिन इस अधिवेशन के दौरान प्रांतीय सम्मलेन में प्रदेश अध्यक्ष पद पर मुहर लगाई जाएगी। वहीं उसके अगले दिन यानी की गुरूवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि नरेश उत्तम पटेल को एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारियां सौंपी जाएगी। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तीसरी बार ताजपोशी होना लगभग तय है। इस अधिवेशन में सपा ने अल्पसंख्यकों, महिलाओं, दलितों और पिछड़ों के मुद्दों को उठाने का दावा किया है।
बसपा के दलित वोटरों पर है सपा की नजर
वहीं इस बार सपा प्रमुख अखिलेश यादव बसपा के मूल वोटर दलितों पर अपनी नजर बनाए हैं। वहीं बीजेपी को भी कड़ी टक्कर देने के लिए चुनावी रणनीतियां तैयार की जा रही हैं। बता दें कि लोहिया वाहिनी की तर्ज पर समाजवादी पार्टी ने अंबेडकर वाहिनी का गठन किया है। लेकिन अंबेडकर वाहिनी का ढांचा अभी पूरी तरह से प्रदेश में खड़ा नहीं हो पाया है। ऐसे में इस दो दिवसीय अधिवेशन के बाद सपा की पहली प्राथमिकता अंबेडकर वाहिनी को सक्रिय करना है। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में दलित समाज को सपा से जोड़ा जा सके।
आगामी चुनाव को लेकर तैयार की जाएगी रणनीति
वहीं 28 से 29 सितंबर तक चलने वाला अधिवेशन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। इस अधिवशन में देशभर से करीब 25000 पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं। इस बार यह अधिवेशन पांच साल बाद हो रहा है। इस दौरान निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा आर्थिक व राजनीतिक प्रस्ताव पेश कर उस पर मंथन किया जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अधिवेशन की शुरूआत और इसका उद्घाटन करेंगे। जातीय जनगणना के मुद्दे के अलावा केन्द्र-राज्य सरकार की नीतियों और देश की ज्वलंत समस्याओं पर भी चर्चा की जाएगी।
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