बसपा सुप्रीमो मायावती ट्वीट कर पहली बार समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के मामले पर कोई निर्णय अभी न किया जाए क्योंकि इसे वह 22वें लॉ कमीशन को सौंपेंगे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख ने रविवार को ट्वीट कर पहली बार समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर बयान दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप भी लगाए है। उन्होंने बीजेपी पर गुप्त फंडिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि यह धन कहां जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बसपा प्रमुख ने सामान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाना बीजेपी के लिए कोई आम बात नहीं है इस वजह से बीजेपी की हालत वास्तवक में ठीक नहीं है।
समान नागरिक संहिता के मुद्दे से मिल सकता है बल
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि यूपी व अन्य राज्यों में भी रोजगार व विकास के बजाय बीजेपी द्वारा विवादित एवं विभाजनकारी मुद्दों की तरह समान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाना खास बात नहीं, किन्तु गुजरात में इसको चुनावी मुद्दा बनाने से इस आमचर्चा को बल मिलता है कि वहां बीजेपी की हालत वास्तव में ठीक नहीं है।
गुजरात चुनाव में बीजेपी हो रही विचलित
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आगे कहा कि जबकि केन्द्र ने अभी हाल में स्वंय माननीय सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड के मामले पर कोई निर्णय अभी न किया जाए क्योंकि इसे वह 22वें लॉ कमीशन को सौंपेगी, तो फिर गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसा क्या होने जा रहा है जिससे बीजेपी विचलित है व झुक रही है।
545 करोड़ रुपए के दिए गए हैं चन्दे
मायावती ने आखिरी ट्वीट में कहा कि साथ ही, चुनाव को प्रभावित करने के लिए जनता की नजर से अज्ञात श्रोतों से प्राप्त अकूत धन का इस्तेमाल कितना उचित? ताजा आँकड़े बताते हैं कि गुजरात व हिमाचल विधानसभा आमचुनाव से पहले चुनावी बाण्ड की गुप्त फण्डिंग की मार्फत 545 करोड़ रुपये के चन्दे दिए गए हैं। यह धन कहाँ जा रहा है?
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