अपर्णा यादव, रीता बहुगुणा के बेटे और महापौर की बहू समेत कई अन्य है लखनऊ कैंट सीट के दावेदार, आखिर क्या है खास

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से भाजपा के कई दावेदार है। पार्टी इस सीट को लेकर काफी सोच में है। इस सीट के कुछ प्रमुख दावेदारों की बात हो तो इसमें अपर्णा यादव, सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी, डॉ दिनेश शर्मा, महापौर संयुक्ता भाटिया की पुत्रवधू रेशू भाटिया का नाम शामिल है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 17, 2022 11:15 AM IST / Updated: Jan 17 2022, 04:52 PM IST

गौरव शुक्ला 
लखनऊ:
यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ की कैंट सीट (Lucknow Cantt) भाजपा के ज्यादातर नेताओं के लिए पहली पसंद है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) भी इसी सीट से टिकट के लिए अड़ी हैं। वहीं पार्टी के दिग्गज भी यह सीट चाहते हैं। जिसके बाद भाजपा के लिए मुश्किल है कि इस सीट से चुनाव में किसे उतारा जाए। अगर इस सीट के लिए दावेदारी की बात की जाए तो इसमें रीता बहुगुणा (Rita Bahuguna Joshi) अपने बेटे लिए, उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा स्वंय के लिए और महापौर अपनी पुत्रवधू के लिए दावेदार के तौर पर प्रमुख रूप से दिखाई पड़ते हैं। 
बात अगर मीडिया रिपोर्टस की करें तो यदि भाजपा अपर्णा को इस सीट से टिकट ऑफर करती है तो वह सपा का साथ छोड़ देंगी। अपर्णा यादव 2017 में सपा से इसी सीट पर उम्मीदवार थीं। हालांकि उन्हें रीता बहुगुणा जोशी से हार का सामना करना पड़ा था। यदि अपर्णा को इस सीट से भाजपा उम्मीदवार बना देती है तो उनका विधानसभा पहुंचने का सपना सच हो जाएगा। 

सांसद रीता बहुगुणा को बेटे के लिए चाहिए यह सीट 
रिपोर्टस की मानें तो रीता बहुगुणा जोशी बेटे मयंक जोशी के लिए इस सीट की ही दावेदारी कर रही हैं। रीता बहुगुणा बेटे के लिए कैंट सीट कंफर्म कराने को लेकर इन दिनों पूरी जोर आजमाइश में लगी हुई हैं। रीता बहुगुणा ने 2012 में यह सीट कांग्रेस के टिकट पर जीती थी। इसके बाद 2017 में भाजपा के टिकट पर उन्होंने अपर्णा यादव को इस सीट पर मात दी थी। हालांकि 2019 में उन्हें सांसद बनाया गया और उपचुनाव में इस सीट पर भाजपा के सुरेश तिवारी विधायक बने। लेकिन अब रीता बहुगुणा फिर से यह सीट मांग रही हैं। 

उप-मुख्यमंत्री को भी पसंद है कैंट की सीट 
डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा यदि लखनऊ से चुनावी समर में उतरते हैं तो उनकी पहली पसंद भी कैंट सीट ही है। डॉ दिनेश शर्मा को लगता है कि यदि वह कैंट से उम्मीदवार होते हैं तो काफी बेहतर मतों के साथ वह विधानसभा पहुंचेंगे। वहीं सरकार के कुछ अन्य मंत्री भी इस सीट के लिए दावेदार है। 

महापौर अपनी बहू के लिए मांग रही यह सीट 
लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया भी बहू रेशू भाटिया के लिए कैंट से ही टिकट की मांग कर रही है। रिपोर्टस के अनुसार वह इसके लिए संघ के बड़े पदाधिकारियों और दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं तक से मुलाकात कर रही है। दरअसल इस विधानसभा क्षेत्र में सिंधी, पंजाबी और पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए लोगों की बड़ी आबादी है। इस आबादी में भाटिया परिवार की पहुंच भी ज्यादा है। 

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