
लखनऊ: केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में धोखाधड़ी के दो अलग-अलग मामलों में नामित फरार आरोपी अशोक पाठक को गिरफ्तार कर लिया है।सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि अशोक पाठक ने दो अलग-अलग मामलों में वक्फ बोर्ड के मुतवल्ली का जाली हस्ताक्षर बनाकर वक्फ बोर्ड की 57 हेक्टेयर सरकारी जमीन जिसकी कीमत लगभग 45 करोड़ रुपये थी, हड़प ली थी। फिर अशोक कुमार पाठक ने ये ज़मीन अलग-अलग लोगों को बेच भी दी थी।
अशोक पाठक पर पुलिस विश्वविद्यालय की जमीन हड़पने का आरोप
आरोप है कि लखनऊ के सरोजिनी नगर में बन रहे पुलिस विश्वविद्यालय की जमीन फर्जी दस्तावेजों से नोएडा के बिल्डर की कंपनी के नाम करवा दी थी। इसका खुलासा करते हुए सीबीआई की एसीबी ब्रांच ने जांच करने के बाद उसको गिरफ्तार कर लिया है। यह धोखाधड़ी करीब 45 करोड़ की बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक ये पता चला है कि अओसक पाठक पर साल 2016 में केस दर्ज कराया गया था।
अशोक पाठक पर लखनऊ में दर्ज हैं जालसाजी के कई मामले
अशोक पाठक लखनऊ का जाना-माना जालसाज है। उसके खिलाफ लखनऊ के विभिन्न थानों में जालसाजी के मुकदमे दर्ज हैं। इसमें चिनहट में दर्ज अलग-अलग मामलों में लखनऊ पुलिस ने उसके खिलाफ गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। पाठक गोमतीनगर थाने का हिस्ट्रीशीटर मान जाता है। पाठक के खिलाफ लखनऊ के चौक, अमीनाबाद, वजीरगंज, मड़ियांव और सरोजनीनगर थाने में भी केस दर्ज है।
मंदिर से लेकर पुलिस की जमीन तक पर कर लिया था कब्जा
एक वक्त ऐसा था कि पुलिस भी अशोक पाठक के कारनामे को जानते हुए भी पुलिस की हिम्मत नहीं थी कि वो उस पर हाथ भी डाल सके। उसने हनुमान मंदिर से लेकर पुलिस विभाग तक की जमीन कब्जा कर रखी थी। सरोजनीनगर में पुलिस ट्रेनिंग की 300 बीघा जमीन पर भी इस जालसाज ने कब्जा कर लिया था।
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