प्रधान व पंचायत सदस्य की मौत पर पंचायत सचिव, प्रमुख व बीडीसी की मौत पर बीडीओ और जिला पंचायत अध्यक्ष व डीडीसी की मौत की दशा में एएमए द्वारा भी प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। डीपीआरओ शाश्वत आनंद सिंह बताते हैं कि आवेदन की डीपीआरओ स्तर पर जांच होगी। फिर जिलाधिकारी से स्वीकृति ली जाएगी। आवेदन निदेशालय भेजा जाएगा। सहायता राशि सीधे आश्रितों के खाते में जाएगी।
लखनऊ: पंचायत प्रतिनिधि की मौत होने पर आश्रितों को अब कई भी सहायता राशि नहीं दी जाएगी। अगर किसी पंचायत प्रतिनिधि (अध्यक्ष,प्रमुख, प्रधान,डीडीसी,बीडीसी व ग्राम पंचायत सदस्य) की मौत, आत्महत्या या आपराधिक कृत्य में शामिल होने के कारण होती है तो ऐसी दशा में उनके आश्रितों को पंचायत कल्याण कोष से सहायता राशि नहीं मिल पाएगी।
आश्रित कैसे करें आवेदन की प्रक्रिया
सरकार की ओर से पंचायत कल्याण कोष को स्थापित व संचालित किए जाने के लिए जारी नए दिशा निर्देशों में यह बात साफ की गई है। पंचायत कल्याण कोष के लिए राज्य वित्त आयोग की धनराशि से 50 करोड़ रुपए के लागत की रिवाल्विंग फंड की स्थापना राज्य स्तर पर की जाएगी। राज्य स्तर पर ही नोडल अधिकारी बनेंगे। निदेशालय स्तर पर पंचातय कल्याण कोष प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा।
ऐसे करना होगा आवेदन
पंचायत प्रतिनिधि की मौत होने पर आश्रितों को कल्याण कोष से सहायता राशि प्राप्त करने के लिए वित्त आयोग की वेबसाइट prdfinance.up.gov.in पर विकसित कल्याण कोष पोर्टल पर आवेदन करना होगा। साथ ही आकस्मिक मौत की दशा में पंचनामा या पोस्टमार्टम रिपोर्ट या आरएमपी द्वारा जारी प्रमाणपत्र और प्राकृतिक मौत की स्थिति में मृत्यु प्रमाण पत्र लगाना होगा। इसके साथ ही
मौत की दशा में आश्रितों को दी जाने वाली धनराशि की बात करें तो प्रधान, प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष को 10 लाख, सदस्य जिला पंचायत को पांच लाख, क्षेत्र पंचायत सदस्य को तीन लाख औऱ ग्राम पंचायत सदस्य को दो लाख।
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