मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपी तत्कालीन इंस्पेक्टर के घर चला सीएम योगी का बुलडोजर

जगत नारायण हत्या के आरोपित पांच अन्य पुलिसकर्मियों के साथ जेल में बंद है। आरोपितों ने एक निर्दोष व्यापारी की पिट-पिटकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में सीबीआइ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। जगत नारायण ने लखनऊ में चिनहट स्थित सतरिख रोड पर अवैध मकान बनवाया था।

Asianet News Hindi | Published : Apr 4, 2022 3:40 AM IST / Updated: Apr 04 2022, 09:11 AM IST

लखनऊ: पिछले साल 2021 में गोरखपुर के होटल में चर्चित कानपुर व्यवसायी मनीष गुप्ता हत्याकांड में आरोपी जगत नारायण सिंह का लखनऊ में मकान गिराया गया। हत्याकांड में तत्कालीन रामगढ़ ताल एसओ जगत नारायण सिंह के लखनऊ स्थित चिनहट में अवैध 3 मंजिला मकान पर CM योगी का बुलडोज़र चला। 

दीवारें तोड़कर की गई खानापूर्ति
कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता की हत्या के मुख्य आरोपित तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह के लखनऊ स्थित मकान पर रविवार को बुलडोजर चलाया गया। जगत नारायण हत्या के आरोपित पांच अन्य पुलिसकर्मियों के साथ जेल में बंद है। आरोपितों ने एक निर्दोष व्यापारी की पिट-पिटकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में सीबीआइ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। जगत नारायण ने लखनऊ में चिनहट स्थित सतरिख रोड पर अवैध मकान बनवाया था। हालांकि एलडीए की ओर से मकान को पूरी तरह से जमींदोज नहीं किया गया। चारों तरफ से मकान की दीवारें तोड़कर खानापूर्ति कर दी गई।

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कई थानों की फोर्स रही मौजूद
निलंबित इंस्पेक्टर ने भवन को किराए पर देने के उद्देश्य से बनवाया था। हर कमरे में किचन और शौचालय बने थे। कार्रवाई से पहले ताला तोड़कर परिसर के हर कमरे में देखा गया कि कोई व्यक्ति तो भीतर तो नहीं है। इसके बाद लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी के आदेश पर प्रवर्तन जोन-एक के जोनल अधिकारी/विहित प्राधिकारी अमित राठौर के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। इस दौरान कई थानों की पुलिस और पीएसी भी मौजूद रही।

करीब एक करोड़ की कीमत का मकान
लविप्रा ने कार्रवाई से पूर्व अनाधिकृत निर्माण के संबंध में 12 अक्टूबर 2021 को वाद संख्या 385/2021 को 18 अक्टूबर 2021 को पंजीकृत किया था। तोड़े गए मकान में कुल 10 कमरे थे, जिसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपये बताई जा रही है। 

जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस लविप्रा के मुताबिक प्रिंस, जगत नारायण ङ्क्षसह व अन्य भूखंड संख्या आठ देवराजी विहार सरायशेख, सतरिख रोड, लखनऊ के विरुद्ध उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 27 (1) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

इसके बावजूद जगत नारायण और उनके यहां से कोई भी व्यक्ति लविप्रा की विहित प्राधिकारी की कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद लविप्रा ने भवन पर नोटिस चस्पा कर दो दिसंबर 2021 तक उपस्थित होकर पक्ष रखने के लिए कहा। 

पुलिस की पिटाई से हुई थी मनीष गुप्ता की हत्या
नोटिस चस्पा होने के बादर भी कोई उपस्थित नहीं हुआ। लविप्रा की ओर से अंतिम नोटिस 18 जनवरी 2022 को भेजी गई और एक फरवरी 2022 को उपस्थित होने का आदेश दिया गया। एक बार फिर कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। पुलिसकर्मियों ने बेवजह मनीष गुप्ता की पिटाई कर दी थी, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। आरोपितों ने शुरू में उच्चाधिकारियों को गुमराह किया था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरा मामला स्पष्ट हो गया था। 

इसके बाद मनीष की पत्नी की तहरीर पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की एफआइआर दर्ज की गई थी। शासन ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी। वर्तमान में हत्या के आरोप में छह पुलिसकर्मी जेल में बंद हैं।

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