
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छठ पर्व की तैयारियों को लेकर अफसरों के साथ हाई लेवल बैठक कर दिशा निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि आगामी 30 व 31 अक्टूबर को लोकआस्था का महापर्व छठ मनाया जाना है इसलिए पूर्वी यूपी और बिहार में इस पर्व की विशिष्ट परंपरा रही है। खास मौके पर हर व्रतधारी श्रद्धालुओं को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध हो ताकि पर्व का आयोजन सुचारु रूप से संपन्न हो। आग कहते है कि इस साल स्वच्छ और सुरक्षित छठ का संदेश लोगों की जरूरत के अनुसार सभी प्रबंध किए जाए।
छठ पर्व को लेकर पार्किंग, पेयजल का रखा जाए ध्यान
महापर्व छठ के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सपरिवार सहभागिता होती है तो ऐसे में नदी घाटों पर स्वच्छता, सुरक्षा, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, मोबाइल टॉयलेट, पेयजल सहित जनसुविधा के व्यवस्थित प्रबंध किए जाएं। इस अवसर पर अस्ताचलगामी सूर्य और उदित होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। इस वजह से नदी घाटों के आस-पास पर्याप्त प्रकाश प्रबंध होना चाहिए। इस दिन निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए ताकि नदी की गहराई के अनुसार सुरक्षित क्षेत्र का चिन्हांकन किया जाए। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक के दौरान अफसरों से कही। आगे कहते है कि स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्था होनी चाहिए।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की होगी तैनाती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छठ घाटों के पास स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं। यहां डेंगू, बुखार, विभिन्न जल जनित बीमारियों की जांच की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि व्रतधारी माताएं ठंडे पानी में देर तक खड़ी रहती है तो ऐसे में किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा का समुचित प्रबंध किया जाए। जिस भी नदी, तालाब व अन्य जलाशय पर छठ पूजन की परंपरा है तो वहां पर पानी की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। इतना ही नहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की तैनाती भी होनी चाहिए। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस भी वहां पर उपस्थिति रहे। इसके अलावा कुछ पुरुष को पुलिस की वर्दी नहीं बल्कि सादी कपड़ों में तैनात किया जाना चाहिए।
आतिशबाजी को लेकर लोगों की सुरक्षा पर रखें खास ध्यान
सीएम योगी का कहना है कि हर प्रमुख स्थल जहां छठ पूजन होता है, वहां पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था करें क्योंकि कई बार छोटे बच्चे अपने परिजनों से बिछड़ जाते हैं तो ऐसे में हेल्पडेस्क की स्थापना भी कराई जाए। दोनों ही दिन ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और पार्किंग की समुचित व्यवस्था हो। इतना ही नहीं इस खास अवसर पर आतिशबाजी की भी परंपरा है तो लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए। आतिशबाजी के दौरान भीड़भाड़ से दूर रहे ताकि व्रत-पूजन सुचारू रूप से किया जा सके। सपरिवार के साथ छठ पर्व को मनाने के लिए यूपी के जिलों में लोगों को घर तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बसें भी लगाई जाएं। इन सबके अलावा दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों के साथ प्रशासन व पुलिस के लोग सहयोगपूर्ण व्यवहार करें।
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