
वाराणासी (Uttar Pradesh). दिल्ली से चलकर खुजराहो जाने वाली महाराजा एक्सप्रेस शुक्रवार को 44 यात्रियों को लेकर वाराणसी के कैंट स्टेशन पहुंची। यहां यात्रियों का इत्र, संगीत, पारंपरिक परिधान में उनका स्वागत किया गया। ट्रेवल एजंसी के रिप्रेजेंटेटिव अभिषेख ने बताया, पूरे विश्व का ये एक एलिट वर्ग है। होटल ताज में लंच के बाद सभी विशेष प्रोटोकॉल में सारनाथ घूमने जाएंगे। जहां से सीधे गंगा दर्शन और आरती में शामिल होंगे।
अभिषेक ने बताया, सभी यात्री घाट किनारे ब्रज रमा पैलेश में डीनर करेंगे। फिर सीधे स्टेशन से अगले पड़ाव के लिए मूव करेंगे। वहीं विदेशी यात्रियों ने कहा, काशी पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है। साथ ही यहां के घाट सारनाथ भी वर्ल्ड फेमस है। दुनियां भर के लोग इस शहर को अपनी आंखों से देखना और तस्वीरों में कैद करना चाहते हैं।
जानें क्यों स्पेशल है महाराजा एक्सप्रेस
ये ट्रेन दिल्ली या मुंबई से शुरू होकर आगरा, फतेहपुर सीकरी, ग्वालियर, रणथंबोर, वाराणसी, लखनऊ, जयपुर, बीकानेर, खजुराहो, उदयपुर जाती है। इसमें सफर करने के लिए 1,93,490 लाख रुपए से शुरू होकर 15,75,830 लाख रुपए तक का टिकट है।
चांदी-सोने के बर्तन में खाना खाते हैं यात्री
यह ट्रेन पटरियों पर चलता फिरता फाइव स्टार होटल है। आगरा से उदयपुर घूमने वाले यात्री 7 दिन तक इस ट्रेन में रहते हैं। खाने के लिए ट्रेन के अंदर पूरा एक डिब्बा है, जोकि किसी आलीशान रेस्टोरेंट जैसा दिखता है। खास बात यह है कि यात्रियों को खाना सोने और चांदी के बर्तनों में परोसा जाता है।
यही नहीं, अगर ट्रेन में आप बोर हो रहे हों तो इसमें सफारी बार नाम का एक डिब्बा है। इसमें खेलने के लिए कैरम, चेस, और कई तरह के गेम्स उपलब्ध होते हैं।
23 डिब्बों की इस ट्रेन में कुल 88 यात्री सफर कर सकते हैं। यात्रियों के सोने के लिए 14 केबिन बने हैं। हर केबिन में फोन, एलसीडी टीवी, डीवीडी प्लेयर, इंटरनेट, इलेक्ट्रॉनिक लॉकर के साथ बाथरूम की भी सुविधा है।
ट्रेन के कमरों को चार भाग में बांटा गया है। डिलक्स केबिन, जूनियर सूइट, सूइट, और प्रेसिडेंशियल सूइट।
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