
महाराजगंज (Uttar Pradesh). यूपी के ससीएम योगी आदित्यनाथ एक ओर गायों को पालने और उनकी सुरक्षा पर जोर दे रहे हैं, वहीं अफसर उनकी इस मंशा पर पानी फेरने में लगे हैं। ऐसा ही मामला यूपी के महाराजगंज में सामने आया है। यहां कागजों में तो अफसरों ने 2500 गोवंशों की मौजूदगी दिखाई, लेकिन जब जांच की गई तो उसमें 854 ही मिले। इसके बावजूद गौवंशों के नाम पर मिल रहे खर्चों में कटौती नहीं की गई। यही नहीं, करीब 300 एकड़ जमीन किसानों व फर्मों को दे दी गई। शासन ने इसको लेकर डीएम अमर नाथ उपाध्याय, एसडीएम निचलौल सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजीव उपाध्याय और उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ वीके मौर्य को सस्पेंड कर दिया। अमर नाथ की जगह उज्ज्वल सिंह को महाराजगंज का डीएम बनाया गया है।
किसी भी अफसर ने ठीक से नहीं किया काम
मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया, मधलिया गो-सदन में अनियमितता का मामला सामने आया था। जिसके बाद अपर आयुक्त गोरखपुर मंडल की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच की गई। कमेटी ने रिपोर्ट दी है कि कोई भी अधिकारी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर सके। जिले के अधिकारियों ने संतोषजनक तरीके से काम भी नहीं किया। गोवंश की संख्या कम होने के बाद भी व्यय में कोई कमी नहीं की गई। इससे पता चलता है कि गंभीर अनियमितता की गई है।
लीज पर दे दी गई पशुपालन विभाग की जमीन
जानकारी के मुताबिक, वन विभाग से 500 एकड़ जमीन लेकर पशुपालन विभाग को दी गई थी। जिसमें 300 एकड़ जमीन लीज पर निजी व्यक्तियों को दे दी गई। इसकी न किसी से परमिशन ली गई और न ही कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई। यह भी एक वित्तीय अनियमितता है। जिला गोसदन मधवलिया की प्रबंधक कार्यकारिणी में डीएम अध्यक्ष व एसडीएम निचलौल सदस्य नामित हैं। इन सभी दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
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