तेज प्रताप के मैनपुरी उपचुनाव में प्रत्याशी होने पर बढ़ जाएंगी अखिलेश यादव की मुश्किलें, कई नाम आ रहे सामने

मैनपुरी उपचुनाव को लेकर सपा में कई नाम आगे आ रहे हैं। इसमें तेजप्रताप, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और शिवपाल यादव का नाम प्रमुख है। शिवपाल यादव पहले ही मैनपुरी को लेकर कह चुके हैं कि यदि कोई और वहां से उपचुनाव में प्रत्याशी होता है तो वह भी चुनाव लड़ेंगे।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव की सुगबुगाहट तेज होने के साथ-साथ तारीखों का ऐलान हो चुका है। इस सीट पर समाजवादी पार्टी की ओर से उम्मीदवार को लेकर कई नाम आगे आ रहे हैं। जिसमें तेजप्रताप यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और शिवपाल यादव का नाम शामिल है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ना तय है क्योंकि शिवपाल यादव पहले ही मैनपुरी को लेकर कह चुके हैं कि यदि कोई और वहां से उपचुनाव में प्रत्याशीी होता है तो वह भी चुनाव लड़ेंगे।

मैनपुरी सीट को लेकर शिवपाल ने बोली ये बात
सपा की ओर से उम्मीदवार के नाम का ऐलान तो नहीं हुआ है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अपने दिवंगत पिता की इस महत्वपूर्ण सीट पर तेज प्रताप सिंह यादव को उम्मीदवार बना सकते हैं। तेज प्रताप यादव मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई के पौत्र है और साथ ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं। इसके साथ ही वह इससे पहले भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभी सीट खाली हो गई थी। उपचुनाव में सपा इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। इस वजह से मैनपुरी से उम्मीदवार उतारते वक्त पार्टी काफी सतर्क है। बताया जा रहा है कि अखिलेश परिवार से ही किसी को मैनपुरी से उम्मीदवार बनाने को लेकर मन बना रहे हैं।

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तेज प्रताप यादव पर भरोसा जताना चाहते हैं अखिलेश
अखिलेश यादव के परिवार से उम्मीदवार होने के दावेदारों में तेज प्रताप यादव का नाम लिया जा रहा है। जो मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र हैं। उनकी शादी लालू प्रसाद यादव की बेटी राजलक्ष्मी के साथ हुई है। वह पहले भी मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं। साल 2014 को मोदी लहर में भी उन्होंने यहां से चुनाव लड़ते हुए विरोधी को तीन लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था। यही कारण है कि मैनपुरी सीट से एक बार फिर तेज प्रताप यादव के नाम को लेकर चर्चा भी तेज है। तीन लाख मतों के अंतर से तेज प्रताप यादव ने हरा दिया। यही कारण है कि मैनपुरी की खाली हुई लोकसभा सीट पर अखिलेश एक बार फिर तेज प्रताप यादव पर भरोसा जताना चाहते हैं। 

शिवपाल यादव इस वजह से बन सकते हैं मुसीबत
तेज प्रताप यादव को अगर सपा उम्मीदवार बनाती है तो प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव इसका विरोध करेंगे या नहीं, यह तो भविष्य ही बताएगा लेकिन मैनपुरी उपचुनाव को लेकर शिवापल यादव के द्वारा दिए गए बयान से सपा को टेंशन हो सकती है। हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान शिवपाल ने कहा था कि अगर मैनपुरी से नेताजी यानी कि मुलायम सिंह यादव चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उनकी पार्टी वहां से उम्मीदवार उतार सकती है। इसके अलावा उन्होंने इच्छा भी जताई थी कि नेताजी वहां से चुनाव लड़ें लेकिन अब मुलायम सिंह इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में शिवपाल के मैनपुरी से उम्मीदवार उतारने की संभावना एकदम शून्य भी नहीं है। वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के नाम पर भी चर्चा चल है। जो फिलहाल न तो सांसद हैं और न विधायक। ऐसे में ससुर की सीट से बहू को खड़ा कर अखिलेश यादव एक नई परंपरा भी शुरू कर सकते हैं।

इस वजह से अहम मानी जा रही है मैनपुरी सीट 
पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक करियार के लिए मैनपुरी लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण रही है। साल 1996 में उन्होंने पहली बार यहीं से संसदीय चुनाव लड़ा था। उसके बाद साल 2004 में दूसरी बार मैनपुरी से ही उम्मीदवार बने और जीतक संसद पहुंचे लेकिन उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी। उनके द्वारा इस्तीफे के बाद धर्मेंद्र यादव ने यहां से चुनाव लड़ा था पर साल 2009 में धर्मेंद्र यादव बदायूं चले गए तो एक बार फिर मुलायम सिंह यादव इस सीट से सांसद बने। उसके बाद 2014 में नेताजी ने आजमगढ़ और मैनपुरी दोनों सीट से चुनाव लड़ा फिर बाद में मैनपुरी छोड़कर आजमगढ़ सीट को बरकरार रखा। 

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