भयंकर शादियांः स्टेज पर रंगदारी से दोस्तों संग पहुंचा दूल्हा, दुल्हन के एक सवाल ने फेरा अरमानों पर पानी

शादी का रिश्ता वैसे तो जन्म-जन्मांतर का होता है, लेकिन कई बार ये रिश्ता अंजाम तक पहुंचने से पहले ही टूट जाता है। शादी टूटने की वजह वैसे तो दूल्हा-दुल्हन के बीच मनमुटाव, दहेज की मांग या फिर लड़का-लड़की में किसी न किसी कमी को माना जाता है, लेकिन कई बार इसकी वजह कुछ अलग ही होती है। ऐसा ही कुछ हुआ उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के एक गांव में। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 4, 2022 3:42 PM IST

Tragic Wedding: शादी का रिश्ता वैसे तो जन्म-जन्मांतर का होता है, लेकिन कई बार ये रिश्ता अंजाम तक पहुंचने से पहले ही टूट जाता है। शादी टूटने की वजह वैसे तो दूल्हा-दुल्हन के बीच मनमुटाव, दहेज की मांग या फिर लड़का-लड़की में किसी न किसी कमी को माना जाता है, लेकिन कई बार इसकी वजह कुछ अलग ही होती है। Asianet News ने शादियों को लेकर एक सीरीज 'भयंकर शादियां' शुरू की है। इसमें हम उन शादियों के बारे में बात करेंगे, जिनका अंजाम बेहद बुरा या फिर चौंकाने वाला रहा। इस सीरीज की 21वीं कड़ी में कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के एक गांव में हुए ऐसे ही केस के बारे में बता रहे हैं। 

जगह- कुरावली गांव मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के कुरावली गांव की एक लड़की की शादी फर्रुखाबाद में रहने वाले एक लड़के से तय हुई थी। शादी वाले दिन दूल्हा बरातियों के साथ धूमधाम से दुल्हन को ब्याहने के लिए पहुंचा। बरात पहुंचते ही घरातियों ने दूल्हे और बरातियों की जमकर आवभगत की। सभी बरातियों को जनमासे में ले जाया गया, जहां उनके चाय-नाश्ते का प्रबंध किया गया। अपने स्वागत सत्कार से दूल्हा और बराती फूले नहीं समा रहे थे। 

जयमाल के लिए धूमधाम से निकले बराती : 
चाय-नाश्ते के कुछ देर बाद दुल्हन पक्ष की ओर से बरातियों को संदेश भिजवाया गया कि जयमाला का समय हो गया है, आप लोग स्टेज पर पहुंचे। घरातियों का संदेश मिलते ही दूल्हे राजा फटाफट चेंज कर रेडी हो गए। दूसरी ओर बरातियों ने भी कपड़े बदले और जयमाला में जाने के लिए तैयार हो गए। इसके बाद एक बार फिर धूम-धड़ाके और आतिशबाजी के बीच सभी बराती जयमाल के लिए दुल्हन के घर की ओर निकल पड़े। 

पहले जयमाल, फिर हुई 7 फेरों की रस्म : 
दूल्हे के स्टेज पर पहुंचने के बाद अब सभी बरातियों को दुल्हन का इंतजार था। कुछ ही देर में दुल्हन भी स्टेज पर आ गई, जिसके बाद पंडितजी ने जयमाल की रस्म संपन्न कराई। जयमाल होने के बाद दूल्हे और सभी बरातियों भोजन किया। इसके बाद देर रात फेरों की रस्म शुरू हुई, जो सुबह तक चलती रही। 

फेरों की रस्म के एक-दूजे का टेस्ट लेने लगे दूल्हा-दुल्हन : 
फेरों की रस्म के बाद कुछ देर के लिए दूल्हा-दुल्हन को साथ बैठाया गया। इस दौरान दोनों बातों ही बातों में एक दूसरे का टेस्ट लेने लगे। देखते ही देखते हल्के माहौल वाली शादी बुद्धि का अखाड़ा बन गई। दरअसल, दूल्हे ने दुल्हन से कुछ देर बात की और फिर कहा कि अपना फोन नंबर और पता एक कागज पर लिखकर दो। ये बात सुनकर दुल्हन पहले तो चौंक गई, लेकिन फिर उसने ऐसा कर दिया। 

दुल्हन ने जब दूल्हे का टेस्ट लिया तो खुल गई पोल : 
दुल्हन ने अपना फोन और पता लिखने के बाद दूल्हे की ओर पेन और डायरी बढ़ाते हुए कहा कि अब आपकी बारी है। इसके बाद दुल्हन ने राजेश को पहले तो अपना नाम पता लिखने को कहा, लेकिन बाद में वो बोली की परिश्रम और दृष्टिकोण लिखकर दिखाइए। ये बात दूल्हे को नागवार गुजरी। हालांकि, उसने लिखने की कोशिश की लेकिन सबकुछ गलत था। 

दुल्हन ने दूल्हे की लिखाई देख शादी से कर दिया मना : 
जब दूल्हा दो शब्द तक सही नहीं लिख पाया तो दुल्हन ने उसी वक्त फैसला कर लिया कि वो ये शादी नहीं करेगी। हालांकि लड़की और लड़के पक्ष के लोगों ने दुल्हन को समझाने की कोशिश भी की, लेकिन उसने एक न सुनी और अपने फैसले पर अड़ गई। इसके बाद बरात और दूल्हे को दुल्हन के बिना ही उल्टे पांव लौटना पड़ गया। 

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