
कानपुर. यूपी के गोरखपुर में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता (Manish Gupta Murder Case) की पुलिस पिटाई से मौत मामले में SIT ने जांच तेज कर दी है। मनीष की मौत को करीब 15 दिन पूरे होने वाले हैं, लेकिन अब तक आरोपी जेल में नहीं हैं। प्रशासन ने फरार चल रहे 6 पुलिसवालों पर इनाम को 25 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है। लेकिन इसके बाद भी उनका कहीं कोई पता नहीं चल सका है। योगी सरकार पर इन खाकी वर्दी वालों की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की जांच भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
आरोपी पुलिसवालों की संपत्तियों की कुर्की के आदेश
दरअसल, उत्तर प्रदेश प्रशासन ने इस मामले में आरोपी बनाए गए 6 पुलिसकर्मियों को सूचना बताने वाले शख्स को एक लाख रुपए देने का ऐलान किया है। साथ ही आदेश जारी कर कहा है कि खबर देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। साथ ही कहा कि अगर आरोपियों के हाज़िर ना होने की दशा में इनकी संपत्तियों की कुर्की की जाएगी।
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प्रशासन ने 6 पुलिसवालों को किया सस्पेंड
मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में गोरखपुर के थाना रामगढ़ताल में जिन 6 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया है उनके नाम इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह थाना मुसाफिरखाना, जनपद अमेठी, एस आई अक्षय कुमार मिश्रा निवासी थाना नरही, जनपद बलिया, उप निरीक्षक विजय यादव निवासी थाना बक्सा, जनपद जौनपुर, उपनिरीक्षक राहुल दुबे निवासी थाना कोतवाली देहात, जनपद मिर्जापुर, मुख्य आरक्षी कमलेश सिंह यादव निवासी थाना परिसर, जनपद गाजीपुर और आरक्षी नागरिक पुलिस प्रशांत कुमार निवासी थाना सैदपुर, जनपद गाजीपुर के नाम शामिल हैं।
यह है पूरा मामला
बता दें कि 27 सितंबर को मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ गोरखपुर घूमने गए थे। यहां पर वह एक होटल में रुके थे। इसी दौरान आधी रात पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। मनीष गहरी नींद में थे तो पुलिस ने उनको सोते हुए जगाया तो मनीष ने कहा कि इतनी रात में क्यों जगा रहे हो, क्या हम आतंकी हैं। बताया जाता है कि इसी बात पर पुलिस ने मनीष को पीटना शुरू कर दिया। जहां वह गंभीर रुप से घायल हो गए। आनन-फानन में पुलिसवाले अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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