कानपुर हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी और उसके तीन साथियों ने कई बड़े खुलासे किए है। पूछताछ में बताया कि उपद्रवियों को उन्नाव से बुलाया गया था। साथ ही इस हिंसा में इलाके के चर्चित व्यक्तियों ने क्राउडफंडिंग की थी।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में बीते दिनों हुई हिंसा को लेकर एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। शहर में भड़की हिंसा की जांच में जुटी पुलसि और एटीएस यानी एंटी टेररिज्म स्काड ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पुलिस कमिश्नर विजय मीणा के द्वारा बनाई गई एसआईटी ने तीन जून को नई सड़क पर हुई हिंसा मामले के मास्टमाइंड जफर हयात हाशमी समेत उसके तीन साथियों मोहम्मद साहिल, जावेद अहमद और मोहम्मद सुफियान से बंद कमरों में पूछताछ हुई। करीब सात घंटों की पूछताछ में चारों ने कई बड़े खुलासे किए हैं। जफर हयात हाशमी के साथी यूट्यूब चैनल चलाते है।
हिंसा के लिए की गई थी क्राउडफंडिंग
शहर में हिंसा मामले के सभी आरोपियों की रिमांड लेकर पुलिस ने कानपुर साउथ जोन के बर्रा थाने में पूछताछ की। इस दौरान जफर हाशमी जो घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है उसने कई बड़े खुलासे किए है। सूत्रों के अनुसार एटीएस के सामने किए कबूलनामों में जफर ने बताया कि तीन जून को उपद्रव के लिए तैयारी चल रही थी और इसके लिए क्राउडफंडिंग तो की ही गई थी। साथ ही उपद्रव करने के लिए कानपुर से सटे जिले उन्नाव से भी भीड़ को बुलाया गया था। क्राउड फंडिग को लेकर कानपुर हिंसा के मास्टरमाइंड ने कई अहम खुलासे किए है। जिसमें उसने बताया कि शहर के मुस्लिम आबादी में अवैध निर्माण कर करोड़ों कमाने वाले बिल्डरों ने पैसा मुहैया कराया था।
फंडिंग को लेकर इलाके के चर्चित नाम शामिल
मास्टरमाइंड जफर हाशमी ने आगे बताया कि इस पूरी हिंसा में सबसे ज्यादा फंडिंग करने का काम इलाके के सबसे चर्चित मोहम्मद वसी बिल्डर द्वारा किया गया था। पहले भी एक बड़ी घटना में मोहम्मद वसी से एटीएस टीम ने पूछताछ की थी। एक बार फिर तीन जून की हिंसा में क्राउडफंडिंग को लेकर मोहम्मद वसी का नाम फिर सामने आया है। हिंसा को लेकर जांच कर रही एसआईटी टीम की रडार पर इस समय बिल्डर है। जिसे पुलिस टीम कभी भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। हालांकि सूत्रों के अनुसार पुलिस ने कई टीमों ने बिल्डर के ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन वह मौके पर नहीं मिला।
चैनल में काम करने के लिए रखे जाते मुसलमान
जिले में हिंसा को लेकर दूसरे आरोपी जावेद ने बताया कि उसके यूट्यूब चैनल को भी फंडिंग की जाती है। जिसमें चैनल में काम करने वाली सभी कर्मचारी मुसलमान रखे जाते हैं। इतना ही नहीं उसने आगे बताया कि चैनल में ज्यादातर ऐसी खबरे चलाई जाती है, जिसमें एक पक्ष को पीड़ित दिखाकर उन्हें आक्रोशित करने का काम किया जाता है। कानपुर हिंसा मामले में अब तक बिल्डरों समेत बिरयानी बेचने वाले बड़े व्यापारियों का भी नाम सामने आया है। लेकिन एसआईटी की अलग-अलग टीमें पूरे मामले की जांच करने में जुटी हुई है। जिसके बाद अब तक जो नाम भी सामने आए है सभी नामों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर सकती है।
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